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विपक्षी दलों के गठबंधन 'INDIA' से मायावती ने दूरी बना रखी है. अब दानिश अली की राहुल गांधी और अजय राय से मुलाकात के बाद कयास लगाया जा रहा है कि वो जल्द ही बसपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे.

बसपा ने ऐसा फैसला लिया है कि उसके बाद एनडीए और इंडिया खेमे पक्ष के नेता दलित वोटरों को अपने पाले में लाने की जुगत में भिड़ गए हैं. अगर वाकई में बसपा के वोटर्स नोटा का इस्‍तेमाल करते हैं तो चुनाव परिणाम की तस्‍वीर बदली-बदली सी नजर आएगी.

BSP Supremo Mayawati political strategy: सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं बसपा सुप्रीमो मायावती को लगता है कि इस बार लोकसभा चुनाव समय से पहले कराए जा सकते हैं. ऐसे में वे अभी से अपनी तैयारी में जुट गई हैं. वे किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं होंगी, उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी.

विपक्षी गठबंधन इंडिया की 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में बैठक हो रही है, इसमें मायावती के शामिल होने के चर्चे खूब हो रहे थे, लेकिन अब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बैठक में हिस्सा नहीं ले रही हैं.

बसपा से निकाले जाने के बाद इमरान मसूद ने कहा कि वह सभी से राय लेंगे और फिर कांग्रेस में जाने का निर्णय लेंगे व राहुल गांधी के साथ मिलकर भाजपा को उखाड़ फेकेंगे.

बागपत जिले के अध्यक्ष मांगेराम जाटव को हटाकर जिलाध्यक्ष के रूप में विक्रम भाटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी तरह बुलंदशहर में कमल राजन को हटाया गया है.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर से मुनकाद अली को आगरा व अलीगढ़ मंडल की जिम्मेदारी दी है. वहीं गिरीश चंद जाटव को भी संगठिन कामों में लगाया गया है. शमशुद्दीन राइन को मेरठ व सहारनपुर की जिम्मेदारी दी गई है.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को मीडिया के सामने आकर बयान दिया कि वो किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी.

UP News: एक रिपोर्ट में लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के गठन के बाद से दिवालियों होने तक, यानी 12 सालों के रिकॉर्ड की जांच की गई है.

बीजेपी के विजयी रथ को 2024 के आम चुनाव में रोकने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद में जुटे हुए हैं. नीतीश कुमार पूरे देश में घूम-घूमकर नेताओं का समर्थन जुटा रहे हैं.

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