Bharat Express

China

Amit Shah in Arunachal Pradesh: किबिथू में ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा था कि वह युग चला गया जब भारत की सीमावर्ती भूमि पर कोई भी अतिक्रमण कर सकता था.

Amit Shah in Arunachal Pradesh: पिछले दिनों, चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नए नाम जारी किए थे, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था.

China: चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने सोमवार को नाम बदलने की जानकारी है. यह तीसरी बार है जब चीन ने अपने रिकॉर्ड में अरुणाचाल प्रदेश की जगहों का नाम बदला हो. इससे पहले चीन दो बार ऐसा कर चुका है.

China on Arunachal Pradesh: चीन के इस कदम को भारत पहले भी खारिज कर चुका है और कहता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश ‘‘सदैव’’ भारत का अभिन्न अंग रहा है और ‘‘हमेशा’’ रहेगा.

Army Chief: आर्मी चीफ ने कहा, “चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती का सवाल है, तो उसमें कोई भी कमी नहीं आई है. पड़ोसी देश (China) LAC पर अपनी सेना के आधुनिकीकरण पर खास ध्यान दे रहा है. भारतीय सेना भी तकनीक को तेजी से अपना रही है."

इसमें चीन सरकार के नेतृत्व में 10 साल में एक बार होने वाले बदलावों पर मुहर लगाई जानी है, जिसमें प्रधानमंत्री पद भी शामिल है.

US Intelligence: खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विवादित सीमा पर भारत और चीन दोनों द्वारा ‘सेना का विस्तार’ दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव के जोखिम को बढ़ाता है.

Arunachal Pradesh: चीन की नीयत हमेशा से ही भारत के सीमावर्ती इलाकों को लेकर ठीक नहीं रही है. इन इलाकों में वह भारत की विकासात्मक गतिविधियों की खिलाफत करता रहा है.

गृहयुद्ध के बीच 1949 में चीन से अलग होने के बाद ताइवान ने द्वीपों पर अपना नियंत्रण बनाए रखा और ऐसा माना जाता है कि ये द्वीप पहली रक्षा पंक्ति का काम करेंगे.

बाइडन ने कहा कि उन्होंने चीनी निगरानी गुब्बारों को जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था, क्योंकि यह सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी था.