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2020 से LAC पर आधुनिक हथियारों से लैस हैं 50,000 चीनी सैनिक, आर्मी चीफ मनोज पांडे ने कहा- भारी संख्या में Indian Army कर रही निगरानी, चाइनीज बोलने वाले युवाओं की सेना में जरूरत

Army Chief: आर्मी चीफ ने कहा, “चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती का सवाल है, तो उसमें कोई भी कमी नहीं आई है. पड़ोसी देश (China) LAC पर अपनी सेना के आधुनिकीकरण पर खास ध्यान दे रहा है. भारतीय सेना भी तकनीक को तेजी से अपना रही है.”

Army chief manoj pande

भारतीय थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे (फोटो PTI)

Army Chief Manoj Pande: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच स्थित LAC (Line of Actual Control) पर पिछले तीन सालों से तनाव लगातार जारी है. दोनों देशों की तरफ से सीमा पर भारी संख्या में सैन्य बल तैनात किए जा चुके हैं और अब यह सिचुएशन ‘न्यू नॉर्मल’ का रूप ले चुका है. इस बीच भारतीय सेना के प्रमुख मनोज पांडे ने बताया कि चीन अपने सीमावर्ती इलाकों में तेजी से निर्माण का काम कर रहा है.

हालांकि, हर स्थिति से निपटने के लिए भारत के भी पर्याप्त संख्या में सैनिक LAC पर मोर्चा संभाले हुए हैं. ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में बोलते हुए आर्मी चीफ मनोज पांडे ने कहा, “LAC पर हालात स्थिर हैं. लेकिन हमें पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए रखने की जरूरत है.”

‘चीन सैनिकों की तैनाती में कमी नहीं आई’

आर्मी चीफ ने कहा, “चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती का सवाल है, तो उसमें कोई भी कमी नहीं आई है. पड़ोसी देश (China) LAC पर अपनी सेना के आधुनिकीकरण पर खास ध्यान दे रहा है. भारतीय सेना भी तकनीक को तेजी से अपना रही है और आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है.” उन्होंने आगे कहा कि 2020 के अप्रैल और मई के दौरान चीन ने कई बार सीमा पर धावा बोलने की कोशिश की. तब से उसके 50,000 सैनिक हैवी डिप्लॉयमेंट के साथ तैनात हैं. लिहाजा, हालात को देखते हुए सीमा पर भारी संख्या में भारतीय सैनिक लगातार निगरानी कर रहे हैं.

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भारतीय सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में हर स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में हमारे सैनिक तैनात हैं. नई तकनीक और हथियारों के अलावा हम सीमा पर लगातार आधारभूत ढांचे का निर्माण कार्य कर रहे हैं. इनमें सड़क और हेलीपैड प्रमुख रूप से शामिल हैं.

आर्मी में चाइनीज बोलने वाले जवानों की जरूरत

आर्मी चीफ ने कहा कि अब दुनिया में युद्ध का तरीका बदल रहा है. साइबर अटैक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन वॉरफेयर का जमाना होगा और इन जैसी चुनौतियों से निपटना पड़ेगा. लिहाजा, भारतीय सेना ऐसे लोगों को रिक्रूट करना चाहती है, जो चाइनीज भाषा समझते हों. टेक्निकली भी स्किल्ड हों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जानकारी रखने वाले हों. सेना प्रमुख ने कहा कि आगामी दिनों में युद्ध छोटे और काफी मारक होंगे.

– भारत एक्सप्रेस



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