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भाजपा नेता कह रहे हैं कि देश की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष को चिह्नित करते हुए 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। इस दृष्टिकोण में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन शामिल है।

हम सभी के लिए हर्ष का विषय है कि देश में विनिर्माण इकाईयों की वृद्धि दर 4.8% से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 की तृतीय तिमाही में 11.6% हो गई है तथा निर्माण के क्षेत्र में वृद्धि दर 9.5% की रही है। साथ ही, खनन के क्षेत्र में वृद्धि दर 1.4% से बढ़कर 7.5% की रही है। ये तीनों रोजगार सृजन के क्षेत्र हैं।

पीएम मोदी की 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी में सहकारिता का बड़ा हिस्सा सुनिश्चित कर देश सहकारिता की 21वीं सदी में प्रवेश करेगा. यह कहना है गृहमंत्री अमित शाह का, जानें वह और क्या बोले—

जैसे-जैसे भारत अपनी नियति के चौराहे पर खड़ा है, नेतृत्व का चुनाव महत्वपूर्ण हो जाता है। भारतीय राजनीति के अस्थिर और ध्रुवीकरण परिदृश्य में, एक नेता अटूट संकल्प, दूरदर्शी सोच और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में उभरे हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अभी हाल ही में एक प्रतिवेदन जारी किया है. इसमें भारत के प्रति मुख्य रूप से तीन बातें कही गई हैं. प्रथम, भारत आज विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है.

पीएम मोदी की अगुवाई में भारत न सिर्फ आर्थिक रूप से तेजी से आगे बढ़ रहा है, बल्कि अपने प्रयासों और नवाचार के साथ वैश्विक महाशक्ति बनने को भी अग्रसर है. नैसकॉम की प्रेसिडेंट देबजानी घोष को अपनी विदेश यात्राओं के दौरान जो अनुभव मिला, उसे उन्‍होंने खुद बयां किया है.

Indian Economy: S&P Global ने भारत के लिए GDP Growth अनुमान के अनुमान में संशोधन करते हुए इसे बढ़ा दिया है. रेटिंग एजेंसी का कहना है कि वित्त वर्ष 24 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.4% की रफ्तार से ग्रोथ करेगी. देखिए आंकड़े —

अधिकतर भारतीयों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अटूट विश्वास बना हुआ है और बहुत-से लोग वैश्विक स्तर पर भारत की विदेश नीति पर अपना विश्वास प्रकट करते हैं. विदेशी भी ये मान रहे हैं कि अब भारत वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रभावकारी बन गया है.

अर्थव्यवस्था के लिहाज से अच्छी खबर आई है. देश की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP ग्रोथ पहली तिमाही (Q1FY24-अप्रैल-जून) में 7.8% रही. ऐसा ही रहा तो भारत जल्द चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा.

इसके पीछे दीर्घकालिक आर्थिक लक्ष्यों की रणनीति बनाने से लेकर सुधारों और उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने तक लिए गए ठोस निर्णय है.