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Ghosi Assembly by-Election

Ghosi Bypolls: भारतीय जनता पार्टी इन नेताओं को अपने साथ जोड़े रखने के साथ-साथ तवज्जो भी देगी लेकिन बस उतनी ही जितनी उनको सियासी जरूरत होगी.

घोसी विधानसभा उप चुनाव के नतीजे एनडीए और इंडिया की ताकत का एहसास कराएंगे. एनडीए भाजपा सरकार की उपलब्धियों और पिछली सरकार की नाकामियों को मुद्दा बना रही तो विपक्ष सरकार की महंगाई और बेरोजगारी पर घेर रही है.

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री घोसी विधानसभा क्षेत्र में दरवाज़े-दरवाज़े घूमते नज़र आ रहे हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी के नेता भी टोलियों में घूमते नज़र आ रहे हैं.

भाजपा में मंत्री के तौर पर रहने के बाद समाजवादी पार्टी में शामिल होना और दोबारा भाजपा में आने से घोसी विधानसभा सीट के वोटर्स के मन मे दारा सिंह के लिए सवालिया निशान खड़े हो चुके हैं.

Ghosi Bypolls: इन पोस्टरों को अगर गौर से देखा जाए तो पोस्टर पर भाजपा का ही चुनाव चिन्ह लगा है जिससे स्पष्ट हो जा रहा है की विरोध करने वाले कहीं ना कहीं भाजपा से ही जुड़े हुए हैं.

Ghosi Bypoll: घोसी विधानसभा में शुरू में लाल झंडे का असर दो दशक तक रहा लेकिन उसके बाद घोसी की फिजा बदली.

घोसी सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीते दारा सिंह चौहान ने हाल ही में सपा का साथ छोड़ दिया था और अपनी विधानसभा सदस्यता से भी इस्तीफा भी दे दिया था. तभी से घोसी सीट खाली पड़ी है.