
Indrajeet Saroj Controversial Statement: समाजवादी पार्टी के नेता लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. पहले पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा और बाबर को लेकर विवादित बयान दिया था, अब सपा के राष्ट्रीय महासचिव और मंझनपुर से विधायक इंद्रजीत सरोज एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं.
अपने पुराने बयान पर सफाई देते हुए इंद्रजीत सरोज ने एक और विवादित टिप्पणी कर दी. उन्होंने कहा कि इतिहास में जब लुटेरे आए और भारत की संपत्ति लूट ले गए, तब भगवान ने उन्हें श्राप क्यों नहीं दिया? अगर देवी-देवताओं में इतनी शक्ति थी, तो क्या मुसलमानों को भस्म नहीं कर सकते थे? सरोज यहीं नहीं रुके, उन्होंने सवाल उठाया कि अगर उस समय हमारे देवी-देवता ताकतवर होते, तो देश को लुटने नहीं देते. उन्होंने कहा, “हमारे असली भगवान तो बाबा साहब आंबेडकर हैं.”
#WATCH | Prayagraj, UP: On his reported remark on temples of India, Samajwadi Party MLA Indrajeet Saroj says “…Our gods and goddesses were not that powerful…In 712 AD, Muhammad Bin Qasim came to this country from Arabia and looted the country…Muhammad Ghori came to this… pic.twitter.com/9kM8PjrmFn
— ANI (@ANI) April 15, 2025
पहले भी कर चुके हैं विवादित टिप्पणी
यह कोई पहला मौका नहीं है जब इंद्रजीत सरोज ने ऐसा बयान दिया हो. इससे पहले उन्होंने कहा था कि अगर भारत के मंदिरों में ताकत होती, तो मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी और मोहम्मद गौरी जैसे हमलावर देश में नहीं घुस पाते. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा था कि असली ताकत अब सत्ता के मंदिर में है, और ‘बाबा’ अब अपने पारंपरिक मंदिरों की बजाय हेलिकॉप्टर पर चढ़कर सत्ता के मंदिर में बैठे हैं.
कौशांबी जिले में समाजवादी पार्टी कार्यालय में आयोजित आंबेडकर जयंती कार्यक्रम में विधायक सरोज ने एक और विवाद को जन्म दिया. उन्होंने कहा, “राम का नारा लगाने से कुछ नहीं होगा, जय भीम का नारा लगाइए, तभी आगे बढ़ेंगे.” खुद को बाबा साहब का सच्चा अनुयायी बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘जय भीम’ के नारे ने ही उन्हें पांच बार विधायक और एक बार मंत्री बनाया.
तुलसीदास को लेकर भी विवाद
इंद्रजीत सरोज ने तुलसीदास की रचनाओं को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि तुलसीदास ने अपनी रचनाओं में नीची जाति के शिक्षित लोगों की तुलना दूध पीते सांप से की है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अकबर के काल में रहने के बावजूद तुलसीदास ने कभी मुसलमानों के खिलाफ कुछ नहीं लिखा – शायद वह ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए.
गौरतलब है कि इससे पहले सपा सांसद रामजी लाल सुमन भी विवादों में घिरे थे, जब उन्होंने राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहा था और उन पर बाबर को भारत बुलाने का आरोप लगाया था. उनके इस बयान की देशभर में कड़ी आलोचना हुई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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