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Indian Startups

2025 की पहली तिमाही में (अब तक) कुल 1.8 अरब डॉलर की फंडिंग मिली, जो कि 2024 की चौथी तिमाही में जुटाए गए 1.3 अरब डॉलर की तुलना में 38.46 प्रतिशत अधिक है.

भारत के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप अब केवल कॉलेज से सीधे स्नातक करने वाले नए लोगों की भर्ती नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे अब अनुभवी पेशेवरों को भी ला रहे हैं जो उन्हें अगले स्तर पर ले जा सकते हैं.

भारतीय स्टार्टअप्स तेजी से विदेश से भारत लौट रहे हैं. बेहतर आईपीओ संभावनाएं, आसान नियम और मजबूत अर्थव्यवस्था इस रुझान को बढ़ा रहे हैं.

भारतीय स्टार्टअप ने इस साल फरवरी में करीब 13,800 करोड़ रुपये (1.65 अरब डॉलर) का फंड जुटाया है. जनवरी में यह आंकड़ा 11,460 करोड़ रुपये (1.38 अरब डॉलर) का था.

रिसर्च फर्म वेंचर इंटेलिजेंस के एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ग्रोथ-पीई स्टेज की कंपनियों में इस साल के पहले दो महीनों में प्राइवेट इक्विटी-वेंचर कैपिटल (पीई-वीसी) निवेश लगभग 1.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने भारत के बढ़ते हुए स्टार्टअप इकोसिस्टम के बारे में बताया और कहा कि हम इसमें दुनिया में तीसरे नंबर पर आ गए हैं. देश में 1,57,000 स्टार्टअप हैं, जिसमें से आधे से ज्यादा महिलाओं के द्वारा लीड किए जा रहे हैं.

2023 में भारतीय स्टार्ट-अप्स ने देश की GDP में 35 अरब डॉलर का योगदान दिया है. यह नंबर 2047 तक बढ़कर 1.6 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है, जब भारत 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखता है

IIGF 2024 में ज़ूपी के सीईओ दिलशेर मल्ही ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स शिक्षा, स्वास्थ्य, और ई-कॉमर्स में क्रांति लाकर देश को आर्थिक उछाल के लिए तैयार कर रहे हैं. उन्होंने गेमिंग तकनीक और डिजिटल सार्वजनिक ढांचे की भूमिका को भी प्रमुख बताया.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि आईटी क्षेत्र में रोजगार की कुल संख्या 2,04,119 रही, जो कि सबसे अधिक थी.

टीमलीज स्टाफिंग के सीईओ कार्तिक नारायण ने कहा, "रोजगार पटल, टेक्नोलॉजिकल और नीति-संचालित बदलावों की वजह से तेजी से बढ़ रहा है. नए निष्कर्ष भारत भर में नौकरी की वृद्धि में विविधता को दर्शाते हैं.