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Samajwadi Party

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों आगरा में हुई एक जनसभा में ‘बंटेंगे तो काटेंगे’ का नारा दिया था. इसके बाद से लगातार इस पर चर्चा तेज हुई है.

लोकसभा में बेहतरीन प्रदर्शन से पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है और आगामी 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सपा अपनी तैयारी कर रही है.

समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाने के लिए अखिलेश यादव गुरुवार रात जेपी सेंटर गए थे. वह यहां लगी उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें जाने की इजाजत नहीं दी. 

यूपी में हुए 2022 के चुनाव में जिन 10 विधानसभा सीटों पर अब उपचुनाव होने जा रहे हैं, उनमें से 5 पर सपा ने जीत दर्ज की थी. इन आगामी चुनावों को लेकर सपा खासी उत्साहित नजर आ रही है.

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का मामला. सपा के कुशीनगर जिलाध्यक्ष ने पुलिस पर पार्टी की छवि खराब करने के लिए दोनों नेताओं को झूठा फंसाने का आरोप लगाया है.

MLA Rajeshwar Singh: उत्तर प्रदेश के सरोजिनी नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेश्वर सिंह ने अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जातिवाद की राजनीति लोकतंत्र के मस्तक पर सबसे बड़ा कलंक है.

मायावती 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट गई हैं. कार्यकर्ताओं में किसी तरह की की शंका न रहे, इसलिए मायावती ने गठबंधन टूटने की वजह बता दी है.

विपक्ष का कहना है कि यूपी में हो रहे एनकाउंटर में जाति देखकर अपराधियों को मारा जा रहा है. समाजवादी पार्टी का तो यहां तक कहना है कि मुख्यमंत्री सजातीय अपराधियों को बचाते हैं.

आज सीएम योगी ने सपा पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर मुठभेड़ में मारा गया अपराधी डकैती करते समय किसी व्यापारी को गोली मार देता तो सपा उनकी जान को वापस कर पाती क्या?

अमित मालवीय का कहना है कि उन्होंने यह ट्वीट हमले की गंभीर प्रकृति को देखते हुए किया था जो राष्ट्रीय आक्रोश और कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है.