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Video: 13 March 2024 का दिन भारतीय निवेशकों के लिए काला दिन साबित हुआ है. एक ही दिन में निवेशकों के करीब 14 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए. इसका कारण था SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच का वह बयान, जिसने भारतीय शेयर बाजार में खलबली मचा दी.

हाल ही में SEBI Chief Madhabi Puri Buch ने छोटी और मझोली मिड-कैप कंपनियों के वैल्यूएशन पर बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि इसमें नजर आ रही खामियां Bubbles (बुलबुले) की तरह हैं, जो कभी फूट भी फूट सकते हैं.

सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि जिस तरह से ऋण उपकरणों के इस सार्वजनिक निर्गम में सदस्यता का प्रबंधन किया गया है वह चौंकाने वाला है.

सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों पर सेबी की जांच में भी दखल देने से इनकार कर दिया है.

आज से लागू हुआ ये नियम सरकारी कंपनियों, बैंक पर लागू नहीं होगा. इसके साथ ही F&O वाले शेयर्स को भी इससे बाहर रखा गया है.

कई बार इस तरह के निवेश के माध्यम से कंपनियां पब्लिक शेयर होल्डिंग के नियमों को पूरा करने की कोशिश करती हैं.

कुछ दिनों पहले रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर्स ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि उन्हें एडवाइस देने के लिए कई नियमों का ध्यान रखना होता है.

इंटरनल एनालिसिस में सेबी ने पाया कि बीते 5 सालों में  सक्रिय रूप से मैनेज की गई 26.67 फीसदी इक्विटी स्कीम्स ने इंडेक्स से ज्यादा या उसके बराबर रिटर्न दिया है.

Supreme Court on Adani: विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार को पटखनी देने के लिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट का इस्तेमाल किया. उनका सीधा तर्क था- मोदी सरकार अडानी ग्रुप को बचा रही है.

सेबी (SEBI) को अडानी समूह में निवेश करने वाले 13 ऑफशोर फंड्स का ग्रुप के प्रमोटर्स के साथ कनेक्शन होने का शक  है