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एनसीपी में शुरू हुई सियासी बगावत के बाद अब महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं.

Maharashtra Political: उद्धव ठाकरे के करीबियों के मुताबिक, वह सोच रहे थे कि उनके साथ धोका हो रहा है. इसलिए वह विधानसभा में कभी उनके साथ काम करने वालों के आरोपों का सामना नहीं करेंगे.

Supreme Court: 16 मार्च को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले ठाकरे समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सिंघवी पर सवालों की झड़ी लगा दी थी. 

Uddhav Vs Shinde: अदालत ने कहा था कि राज्यपाल की ऐसी कार्रवाई से एक निर्वाचित सरकार गिर सकती है और किसी राज्य का राज्यपाल ऐसा नहीं चाहेगा.

कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में जजों के सामने ये भी दलील दे चुके हैं कि राज्यपाल को किसी पार्टी के बागी विधायकों को मान्यता और उनकी कार्रवाई को वैध बनाने के लिए कानून में अधिकार नहीं था.

Shiv Sena: उद्धव गुट ने ईसी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई.

चुनाव आयोग ने शिवसेना की कमान पूरी तरह शिंदे गुट को सौंप दी, जिसके बाद फिर से महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है.

Sanjay Raut: संजय राउत के पत्र से जुड़े एक सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि इस शिकायत को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

Shiv Sena: निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट आमने-सामने हैं. ईसी के फैसले को मानने से इनकार करते हुए उद्धव गुट ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

Uddhav Thackeray: चुनाव आयोग ने शिवसेना के सिंबल धनुष-बाण को फ्रीज कर दिया था. अंधेरी ईस्ट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने शिंदे और उद्धव गुट को अलग-अलग सिंबल दिए थे. इतना ही नहीं पार्टी का नाम भी अलग दिया गया था.