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Digital Arrest Cyber Crime: साइबर क्राइम करने वालों ने आगरा में राजकीय कन्या जूनियर हाई स्कूल की एक शिक्षिका को फेक कॉल के जरिए तड़पाकर जान ले ली. जालसाजों ने शिक्षिका (मालती वर्मा) के मोबाइल पर 8 मिनट में 10 बार वॉट्सऐप कॉल की. हर बार धमकाते हुए कहा— ‘हम थाने से बोल रहे हैं..आपकी बेटी सेक्स रैकेट में पकड़ी गई है. उसे बचाना चाहती हो तो तुरंत 1 लाख रुपये गूगल-पे पर भेज दो.’
वे जालसाज मालती वर्मा को डरा धमकाकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ करने की कोशिश कर रहे थे, जिसमें वे सफल भी रहे, क्योंकि मालती इस कदर घबरा गईं कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.
डिजिटल अरेस्ट के 4 घंटे, एक मां को ऐसे फंसाया
मालती आगरा के शाहगंज अलबतिया में रहती थीं. जालसाजों ने 30 सितंबर को बार बार कुछ नंबरों से कॉल किया था, मालती उनके झांसे में आ गईं. उन्हें लगा कि वाकई बेटी सेक्स स्कैंडल में फंसी है. उन्हें बहुत घबराहट लगी थी, कुछ ही देर बाद उनकी जान चली गई. यह मामला 3 अक्टूबर गुरुवार को तब सामने आया जब उनके बेटे ने आगरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर लिखवाई.
यूपी में ‘डिजिटल अरेस्ट’ से मौत का पहला मामला
आगरा पुलिस के मुताबिक, इस अपराध को साइबर क्राइम करने वालों ने अंजाम दिया. वैसे तो लोगों से ऑनलाइन ठगी करने के कई तरीके हैं, लेकिन एक नए प्रकार का फ्रॉड जो होने लगा है वो है- ‘डिजिटल अरेस्ट’. यह नाम सुनते ही ऐसा लगता है कि शायद यह कोई तकनीकी या कानूनी मामला है, लेकिन असल में यह ठगी का एक नया तरीका बन गया है, जिसमें निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है.
3 बच्चों की मां थीं मालती, पति 3 दिन पहले हुए रिटायर
आगरा में शिक्षिका मालती वर्मा को जिस तरह फोन कर करके डराया गया और उनकी जान ले ली गई, ये यूपी में ‘डिजिटल अरेस्ट’ से मौत का यह पहला मामला था. आगरा के थाना जगदीश पूरा सुभाष नगर अलबतिया की रहने वालीं 58 साल की मालती वर्मा 12 साल से राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल में पढ़ा रही थीं. वे अछनेरा के राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका थीं. उनके परिवार में सरकारी जॉब से रिटायर्ड पति हैं. एक बेटा है, जिसकी शादी हो चुकी है. दो बेटियां हैं, जो पढ़ाई कर रही हैं.
कैसे जालसाजों के झांसे में आईं मां, बेटे दीपांशु ने बताया
मालती के बेटे दीपांशु ने पुलिस को घटनाक्रम के बारे में बताया. दीपांशु ने कहा— “30 सितंबर को मुझे मां ने घबराते हुए कॉल किया. मुझसे कहा- तुम 1 लाख रुपए अरेंज कर दो. एक नंबर भेज रही हूं. उस पर ट्रांसफर कर दो. मुझे अचानक समझ में नहीं आया कि मां क्या कह रही हैं. उन्हें पैसों की क्या जरूरत है. कई बार पूछने पर उन्होंने कहा कि ‘मेरे पास अभी पुलिसवालों का कॉल आया था. उसने बताया कि तुम्हारी बहन को एक होटल से पकड़ा है गलत काम करते हुए. मैं और कुछ नहीं बता सकती हूं. अभी पैसे भेज दो ताकि तुम्हारी बहन को बचा सकूं.’ मां की ये बातें सुनकर मैंने उनसे वो फोन नंबर मांगे जिनसे उनके पास कॉल आया था.”
बकौल दीपांशु, “मां ने मुझे वो नंबर दिए तो मैंने देखा कि उनमें एक नंबर पाकिस्तान का था. मैं समझ गया कि मां को किसी जालसाज ने परेशान किया है. मैंने मां को वापस फोन करके सांत्वना देने की कोशिश की. लेकिन वो काफी घबराई हुई थीं. दोपहर 3 बजे के आस-पास वे स्कूल से डायरेक्ट ऑटो करके घर आई थीं. उनकी तबियत बिगड़ रही थी. हम कार से उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए. वहां से रेफर किया गया. मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका.”
इस घटना के बाद परिवार में मातम पसर गया. आस-पास के लोगों समेत रिश्तेदार शोक व्यक्त करने पहुंचे. लोगों में चर्चा होने लगी कि ऐसा कैसे हुआ. जिसके बाद गुरुवार को मालती के परिजनों ने साइबर थाने में तहरीर दी. पुलिस भी घर पर पूछताछ के लिए पहुंची.
अभी पुलिस थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर की कॉपी सामने आई है. आप यहां देख सकते हैं कि किस तरह किसी जालसाज ने फर्जी पुलिसवाला बनकर ठगी की कोशिश की और मालती वर्मा की जान ले ली.
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— भारत एक्सप्रेस
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