
Indian Air Force Earthquake Relief: पिछले कुछ दिनों में भूकंप ने पांच देशों को हिला कर रख दिया है. म्यांमार और थाईलैंड में इस भूकंप ने काफी तबाही मचाई है. इसके अलावा बांग्लादेश और चीन के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. भारत के मेघालय में भी भूकंप के असर से लोग सहमे हुए थे. इस बीच, भारत सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए भूकंप प्रभावित देशों में मदद भेजने का फैसला किया है.
Approximately 15 tonnes of relief material is being sent to Myanmar on an IAF C 130 J aircraft from AFS Hindon, including tents, sleeping bags, blankets, ready-to-eat meals, water purifiers, hygiene kits, solar lamps, generator sets, essential Medicines (Paracetamol, antibiotics,… pic.twitter.com/A2lfqfPLvF
— ANI (@ANI) March 29, 2025
भारत द्वारा भेजी गई राहत सामग्री
शनिवार सुबह भारत ने अपने वायुसेना स्टेशन हिंडन से म्यांमार के लिए 15 टन राहत सामग्री भेजी. यह राहत सामग्री भारतीय वायुसेना के C 130 J विमान से म्यांमार भेजी गई है. इसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाईजिन किट्स, सोलर लैंप, जेनरेटर सेट और जरूरी दवाएं (जैसे पैराॅसिटामोल, एंटीबायोटिक्स, कैनुला, सीरिंज, दस्ताने, बैंडेज, यूरिन बैग आदि) शामिल हैं.
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से भारी नुकसान
म्यांमार और थाईलैंड में यह भूकंप 200 साल का सबसे घातक भूकंप माना जा रहा है. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई है. इस भूकंप के कारण सैकड़ों लोग मलबे में दब गए हैं. अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या 10,000 तक भी पहुंच सकती है. म्यांमार में इस भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
भूकंप का केंद्र और उसकी तीव्रता
भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था. यह भूकंप शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे आया था. इसके बाद भूकंप के झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए. बैंकॉक में भी इमारत गिरने से 80 लोग लापता हो गए हैं, जबकि 3 की मौत हो गई है.
म्यांमार में भूकंप का कारण
म्यांमार भूकंप के लिहाज से खतरनाक देशों में आता है. यहां हर महीने औसतन 8 भूकंप आते हैं. इसका कारण म्यांमार का ‘रिंग ऑफ फायर’ के पास स्थित होना है, जहां पूरी दुनिया के 81 प्रतिशत भूकंप आते हैं. म्यांमार भारतीय प्लेट और सुंडा प्लेट के बीच स्थित है. इन प्लेट्स के टकराने से म्यांमार में भूकंप उत्पन्न होते रहते हैं, और इस प्रक्रिया को ‘सागाइंग फॉल्ट’ कहा जाता है.
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-भारत एक्सप्रेस
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