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ग्रैमी अवार्ड विजेता ईरानी गायक शर्विन हाजीपौर को अपने एक गीत के लिए मिली 3 साल सजा, 2022 में ईरान में हुए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान गाया था गाना

ईरानी सिंगर शर्विन हाजीपौर ने अपनी सजा के बारे में जानकारी देते हुए इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें 3 साल की जेल की सजा दी गई है.

शर्विन हाजीपौर

Iranian Singer Shervin Hajipour: ईरान के लोकप्रिय सिंगर शर्विन हाजीपौर द्वारा गाए एक गानें को लेकर उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. महज एक गाने के लिए उनकों कोर्ट द्वारा 3 साल जेल की सजा सुना दी गई है. हाजीपौर को हिजाब के खिलाफ ईरान में हुए वर्ष 2022 में एक विरोध प्रदर्शन में बनाए एक गाने के लिए यह सजा सुनाई गई है. इस आंदोलन के सपोर्ट में उन्होंने यह गाना बनाया था. वहीं इस गाने के लिए उन्हें 2023 में ग्रैमी अवॉर्ड भी मिला था. वह भी अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन द्वारा. सजा के बारे में जानकारी शर्विन हाजीपौर ने स्वयं सोशल मीडिया पर दिया है.

विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी एक व्यक्ति की मौत

ईरान में 2022 में हिजाब के खिलाफ हुए इन विरोध प्रदर्शन के दौरान माहसा अमीनी की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद ही शर्विन ने अपने बनाए गाने ‘बराए’ को गाया था. वहीं यह गीत विरोध प्रदर्शन का आधार बना.

संसदीय चुनाव और हाजीपौर के खिलाफ फैसला

ईरानी सिंगर शर्विन हाजीपौर ने अपनी सजा के बारे में जानकारी देते हुए इस बीते शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया था. जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें 3 साल की जेल की सजा दी गई है. अपने पोस्ट में शर्विन हाजीपौर ने कहा- ‘जिस दिन ईरान में संसदीय चुनाव हुए, उसी दिन उनके विरुद्ध फैसला सामने आया.’

कोर्ट ने दिया यह आदेश

ईरान की अदालत ने उन्हें प्रशासनिक तंत्र के खिलाफ दुष्प्रचार और लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है, जिस वजह से लोगों ने प्रदर्शन किया. इन्हीं आरोपों के तहत उन्हें तीन साल 8 महीने की सजा सुनाई गई है. अदालत उन्हें गीत के लिए सही तरीके से क्षमा नहीं मांगने की बात भी कही. वहीं शर्विन हाजीपौर की यात्रा पर दो साल का बैन भी लगा दिया गया है.

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ईरानी म्यूजिक इंडस्ट्री में मचा तहलका

शर्विन को यह सजा मिलने से पहले भी वह कुछ समय तह जेल में थे. फैसले में विलंब होने के कारण कारण वे अभी जमानत पर बाहर है. इस खबर के सामने आने के बाद ईरानी म्यूजिक इंडस्ट्री में तहलका मचा हुआ है. पैन अमेरिका यानी ह्यमून राइट आर्गेनाइजनेशन ने भी शर्विन हाजीपौर को मिले सजा की कड़ी निंदा की है. इसके अलावा कई अन्य संगठनों ने भी विरोध दर्ज कराया है.



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