अल जजीरा चैनल का लोगो और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू.
Al Jazeera banned in Israel: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक कानून को मंजूरी दे दी है, जो सरकार को कतर के स्वामित्व वाले न्यूज नेटवर्क अल जजीरा सहित अन्य टीवी चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति देता है.
नेतन्याहू ने कहा कि वह नेटवर्क (अल जजीरा) के स्थानीय कार्यालय को बंद करने के लिए ‘तुरंत कार्रवाई’ करेंगे. अमेरिका ने उनके इस कदम पर चिंता व्यक्त की है. इजरायल की संसद Knesset ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले विदेशी नेटवर्क को ‘अस्थायी रूप से’ प्रतिबंधित करने की अनुमति देने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी.
यह प्रतिबंध एक बार में 45 दिनों की अवधि के लिए रहेगा, जिसे नवीनीकृत किया जा सकता है. यह कानून जुलाई तक या गाजा में जारी युद्ध के समाप्त होने तक लागू रहेगा. इजरायल ने पहले एक छोटे लेबनानी चैनल, अल मायादीन को देश में संचालन से प्रतिबंधित कर दिया था.
अल जजीरा पर आरोप
अल जजीरा पर इजरायल की संसद में गंभीर आरोप लगाए गए हैं. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बयान पर कहा कि अल जजीरा से इजराइल की सुरक्षा को खतरा है. नेतन्याहू ने सोशल साइट एक्स पर अल जजीरा को ‘आतंकी चैनल’ बताते हुए कहा, ‘अल जजीरा का प्रसारण अब इजरायल से नहीं किया जाएगा.’ अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीन स्थित आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध को भड़काने जैसे गंभीर आरोप भी अल जजीरा पर लगे हैं.
वर्षों से इजरायली अधिकारी अल जजीरा पर इजरायल विरोधी पूर्वाग्रह का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन 7 अक्टूबर के हमास के हमलों के बाद से इसे लेकर उनकी आलोचनाएं तेज हो गई हैं. अधिकारियों का दावा है कि इसका हमास के साथ घनिष्ठ संबंध है. हालांकि अल जजीरा ने इन आरोपों से इनकार किया है.
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अल जजीरा ने क्या कहा
इस घटनाक्रम पर एक बयान में अल जजीरा ने कहा, ‘नेतन्याहू को नेटवर्क और उसके कर्मचारियों के अधिकारों के खिलाफ नए झूठ पेश करने के अलावा अल जजीरा और प्रेस की स्वतंत्रता पर उनके द्वारा किए जा रहे हमलों को ठहराने का कोई उचित कारण नहीं मिल सका है.’ आगे कहा गया कि नेतन्याहू के बयान झूठ हैं, जो दुनिया भर में हमारे पत्रकारों की सुरक्षा के खिलाफ उकसाते हैं.
बयान के अनुसार, ‘अल जजीरा उनके (बेंजामिन नेतन्याहू) उकसावे और अपमानजनक तरीके से झूठे आरोप के बाद दुनिया भर में अपने कर्मचारियों और नेटवर्क परिसरों की सुरक्षा खतरे में होने के लिए इजरायली प्रधानमंत्री को जिम्मेदार मानता है.’
Al Jazeera: Netanyahu's statements are lies that incite against the safety of our journalists around the world. pic.twitter.com/fa8ppcdbEh
— Al Jazeera English (@AJEnglish) April 2, 2024
अमेरिका ने जताई चिंता
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कतर, जहां अल जजीरा का मुख्यालय है, लगभग छह महीने से चल रहे संघर्ष पर इजरायल और हमास के बीच बातचीत में मध्यस्थता कर रहा है. कतर की मध्यस्थता वाली पिछली बातचीत में अस्थायी युद्धविराम भी हुआ और 105 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया था. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायल के इस कदम से युद्धविराम वार्ता पर असर पड़ेगा या नहीं. प्रस्तावित प्रतिबंध के बारे में पूछे जाने पर ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा, ‘अगर यह सच है, तो इस तरह का कदम चिंताजनक है.’
7 अक्टूबर 2023 से जारी है युद्ध
युद्ध तब शुरू हुआ जब पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने दक्षिणी इजरायल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और इजरायली आंकड़ों के अनुसार 253 बंधकों को पकड़ लिया गया. लगभग 130 बंधक अभी भी हमास की कैद में हैं, जिनमें से कम से कम 34 को मृत मान लिया गया है. हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल द्वारा अपना सैन्य अभियान शुरू करने के बाद से गाजा में 32,800 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं और लगभग 75,000 लोग घायल हुए हैं. इसमें कहा गया है कि मारे गए लोगों में 70% महिलाएं और बच्चे थे.
-भारत एक्सप्रेस
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