19वें ईस्ट एशियन समिट में PM मोदी
PM Modi In Laos: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दक्षिण पूर्वी एशियाई देश लाओस में हैं. वहां उन्होंने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक सुरक्षा पर चर्चा की. उन्होंने दुनिया के कई हिस्सों में जारी सैन्य-संघर्ष को लेकर बड़ी कही. पीएम ने कहा— ‘दुनिया में संघर्षों का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं बल्कि संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करके किया जा सकता है’.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विएनशेन, लाओ पीडीआर में महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए. सबसे पहले उन्होंने ‘टाइफून यागी’ से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की और कहा कि भारत ने ऑपरेशन सद्भाव के माध्यम से मानवीय सहायता उपलब्ध कराई है.
#WATCH | Vientiane: Prime Minister Narendra Modi holds a bilateral meeting with the PM of Lao PDR, Sonexay Siphandone.
(Video Source: DD News) pic.twitter.com/QDAWlq0M3e
— ANI (@ANI) October 11, 2024
‘युद्ध का युग समाप्त हुआ, इसका समाधान जंग के मैदान नहीं’
पीएम मोदी ने वैश्विक संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि इनका सबसे नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर हो रहा है और सभी को शांति और स्थिरता की बहाली की आवश्यकता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि युद्ध का युग समाप्त हो चुका है और समस्याओं का समाधान रणभूमि से नहीं निकलेगा.
पीएम मोदी ने आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए मानवता में विश्वास रखने वाली ताकतों के एकजुट होने की अपील की. उन्होंने साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
#WATCH | Vientiane, Lao PDR | India and Lao PDR sign MoUs in the presence of PM Narendra Modi and PM of Lao PDR, Sonexay Siphandone.
(Video Source: DD News) pic.twitter.com/MU9owbRwO3
— ANI (@ANI) October 11, 2024
आसियान की एकता-केंद्रीयता के समर्थन में भारत: PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने सदैव आसियान की एकता और केंद्रीयता का समर्थन किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का इंडो-पेसिफिक विजन और क्वाड सहयोग के केंद्र में भी आसियान है. पीएम मोदी ने ‘हिंद-प्रशांत महासागर पहल’ और ‘आसियान हिंद-प्रशांत पर दृष्टिकोण’ के बीच गहरी समानताएं बताते हुए कहा कि एक फ्री, ओपन, समावेशी, समृद्ध और नियम आधारित इंडो-पैसिफिक पूरे क्षेत्र की शांति और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है.
#WATCH | Vientiane, Lao PDR | Prime Minister Narendra Modi meets Thai PM Paetongtarn Shinawatra on the sidelines of the East Asia Summit.
(Video: DD News) pic.twitter.com/bxFVJwTemk
— ANI (@ANI) October 11, 2024
दक्षिणी चीन सागर की शांति, सुरक्षा और स्थिरता का जिक्र
उन्होंने दक्षिणी चीन सागर की शांति, सुरक्षा और स्थिरता को सभी देशों के हित में बताया और कहा कि समुद्री गतिविधियां ‘यूनाइटेड नेशन कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी’ (यूएनसीएलओएस) के अंतर्गत संचालित होनी चाहिए. उन्होंने स्वतंत्रता के अधिकारों की सुरक्षा और एक ठोस और प्रभावी कोड ऑफ कंडक्ट बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर अंकुश नहीं लगाया जाना चाहिए.
#WATCH | Vientiane, Lao PDR | Prime Minister Narendra Modi meets New Zealand PM Christopher Luxon and US Secretary of State Antony Blinken on the sidelines of the East Asia Summit. PM Modi extended condolences to Secretary Blinken on the loss of lives due to Hurricane Milton.… pic.twitter.com/mEJWndxLvB
— ANI (@ANI) October 11, 2024
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात
पीएम मोदी की मुलाकात अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी हुई. उन्होंने उनके साथ तूफान मिल्टन के कारण हुई जनहानि पर संवेदना व्यक्त की. 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल साउथ का भी जिक्र किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “ग्लोबल साउथ के देश, दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे संघर्षों का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव झेल रहे हैं। हर कोई जल्द से जल्द शांति और स्थिरता की बहाली चाहता है, चाहे वह यूरेशिया हो या पश्चिम एशिया.”
‘म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली के लिए कदम उठाए जाएं’
पीएम मोदी ने म्यांमार की स्थिति पर भी आसियान दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए कहा कि भारत म्यांमार को अलग करने के बजाय उसके साथ बातचीत करने का पक्षधर है. उन्होंने कहा कि हम मानवीय सहायता को बनाए रखने और लोकतंत्र की बहाली के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता को समझते हैं.
पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह भारत की पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में दी गई प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है. उन्होंने सभी देशों को नालंदा में होने वाले ‘उच्च शिक्षा प्रमुखों का सम्मेलन’ के लिए आमंत्रित किया.
पीएम मोदी ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री सिपानदोन को बधाई दी और आगामी अध्यक्ष मलेशिया को शुभकामनाएं दीं.
— भारत एक्सप्रेस