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Brazil: बारिश के मौसम में Oropouche Virus का नया खतरा, 2 महिलाओं की गई जान, जानें क्या हैं इसके लक्षण

ब्राजील में ओरोपोच वायरस (Oropouche Virus) से दुनिया में पहली बार मौतें दर्ज की गई हैं. ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दोनों महिलाओं की उम्र 30 साल से कम थी.

Oropouche Virus

Oropouche Virus

Oropouche Virus Symptoms: बरसात का मौसम आते ही कई तरह के संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इस मौसम में मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारियों का भी खतरा रहता है. आमतौर पर लोगों को लगता है की डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां होती हैं. लेकिन ऐसा नहीं है, इन बीमारियों के अलावा कई अन्य समस्याओं का खतरा भी रहता है.

मच्छरों से फैलने वाली एक बीमारी Oropouche Fever भी है. यह बीमारी इन दिनों ब्राजील में समेत कई देशों में फैल रही है. आपको बता दें ब्राजील में ओरोपोच वायरस (Oropouche Virus) से दुनिया में पहली बार मौतें दर्ज की गई हैं. ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दोनों महिलाओं की उम्र 30 साल से कम थी. इस वायरस के लक्षण डेंगू के समान है.

इन देशों में मिले Oropouche Virus के मामले

यह एक अज्ञात बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों और मच्छरों के काटने से फैलती है. यह वायरस दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका और कैरिबियन के कुछ हिस्सों में पाया गया है. PAHO ने कहा कि इस साल अब तक पांच देशों: ब्राजील, बोलीविया, पेरू, क्यूबा और कोलंबिया में ओरोपोच वायरस के 7,700 से अधिक मामले पाए गए हैं. ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अकेले ब्राजील में 2024 में 7,236 मामले दर्ज किए गए हैं.

Oropouche Virus क्या है

ओरोपाउच बुखार एक ट्रॉपिकल वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से एक छोटी मक्खी, मिज के काटने से फैलता है. हालांकि यह मच्छर के काटने से भी फैल सकता है, लेकिन ये बात कम आम है. इसमें बल्का बुखार आने की शिकायत होती है और मांसपेशियों में दर्द होता है. इसका नाम त्रिनिदाद और टोबैगो में ओरोपौचे नदी के नाम पर रखा गया है, जहां यह पहली बार 1955 में पाया गया था. आइए जानते हैं इसके लक्षण.

Oropouche Virus के लक्षण

रिसर्च के अनुसार, इस वायरस के लक्षण डेंगू के समान हैं. इसमें संक्रमित को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में अकड़न, सिरदर्द, उल्टी, मतली, ठंड लगना या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षण दिखते हैं. गंभीर मामलों में Meningitis (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की झिल्लियों की सूजन) जैसी जानलेवा जटिलताएं हो सकती हैं. वायरस के लिए कोई विशिष्ट उपचार या वैक्सीन नहीं हैं.

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डेंगू और चिकनगुनिया जैसे अपने परिवार के अन्य वायरसों की तुलना में, इस वायरस पर कम अध्ययन किया गया है. इस साल की शुरुआत में लैंसेट की समीक्षा में इस वायरस को “एक प्रोटोटाइपिक उपेक्षित बीमारी” कहा गया था. समीक्षा में कहा गया कि इस वायरस में “एक बड़ा खतरा बनने की क्षमता है” क्योंकि यह व्यापक रूप से फैल सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.

इस तरह से करें बचाव

इस वायरस के बचने के लिए अच्छा उपा यह है कि प्रभावित क्षेत्र में मच्छरों और मच्छरों के काटने से बचें. PAHO के अनुसार, अपने पैरों और हाथों को ढकें, महीन जालीदार मच्छरदानी का उपयोग करें. इसके अलावा अपने आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें. अपने क्षेत्र में गंदगी या पानी जमा न होने दें. मक्खी, मच्छर भगाने वाले क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करें.

-भारत एक्सप्रेस 



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