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इस बार समय से पहले होंगे लोकसभा चुनाव? BSP सुप्रीमो मायावती ने शुरू की चुनावी चर्चा, उम्मीदवारों के चयन पर जोर, जानें किस तरह कर रहीं तैयारी

BSP Supremo Mayawati political strategy: सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं बसपा सुप्रीमो मायावती को लगता है कि इस बार लोकसभा चुनाव समय से पहले कराए जा सकते हैं. ऐसे में वे अभी से अपनी तैयारी में जुट गई हैं. वे किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं होंगी, उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी.

बसपा सुप्रीमो मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती (फोटो फाइल)

अवनीश कुमार, लखनऊ.

देश में समय पूर्व लोकसभा चुनाव होने की संभावना के चलते बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने चुनावी मंथन शुरू कर दिया है. मायावती बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, और वे अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के चयन को लेकर अनुभवी बसपा नेताओं के साथ विचार-विमर्श कर रही हैं.

सूत्रों के अनुसार, बसपा के प्रत्याशियों के चयन में यूपी और उत्तराखंड के अंदर विशेष रूप से सतर्कता बरती जाएगी, साथ ही जातिगत समीकरण का भी ख्याल रखा जायेगा. गौरतलब हो कि हाल में ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने उम्मीदवारों के चयन को लेकर एक ट्वीट किया है और उन्‍होंने समय पूर्व लोकसभा चुनाव की संभावना जताई है. उन्होंने संकेत दिया है कि यूपी के बाद उत्तराखंड में भी पदाधिकारियों के साथ मंथन किया जाएगा. बहरहाल, उम्मीदवारों का चयन करने की प्रक्रिया को शुरू किया गया है.

Chandrayaan-3 Mayawati

पिछले लोकसभा चुनाव में मायावती की अगुवाई में बसपा ने सपा से बेहतर प्रदर्शन किया था. और, अब आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कहा गया ह‍ै कि बसपा एक लोकसभा क्षेत्र से तीन नामों का चयन करेगी, जिसमें से मायावती एक नाम का चयन करेंगी. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा आपराधिक छवि के लोगों को टिकट नहीं देगी. साथ ही, बसपा लोकसभा क्षेत्र में समीकरण के हिसाब से टिकट देगी.

मायावती ने हाल ही में ये ऐलान किया है कि बसपा 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी. यानी न तो वो भाजपा की अगुवाई वाले NDA का हिस्सा बनेगी और न ही कांग्रेस के INDIA गठबंधन के साथ खड़ी होगी. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि मायावती को दोनों गठबंधन से मोर्चा लेना है. लोकसभा चुनाव की तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए मायावती ने बूथ कमेटी का गठन और कैडर कैम्प पर जोर दिया है. बहरहाल, उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती जिताऊ उम्मीदवार की है, जिसका काम सभी को-ऑर्डिनेटर को सौंपा गया है.

मायावती अब ये नहीं चाहतीं कि किसी भी तरीके से पार्टी के फैसले पर कोई सवाल उठाये, यही वजह है कि वह राज्यों के पदाधिकारियों के साथ लगातार समीक्षा बैठक कर रही हैं. वह अपने परम्परागत वोट बैंक को साधने के साथ मुस्लिम वोटरों को भी भरोसा दिला रही हैं. बसपा लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी नजर बनाये हुए है और राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.

— भारत एक्सप्रेस

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