RSS प्रमुख मोहन भागवत (फोटो फाइल)
UP News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक सद्भाव के तहत अब गैर हिंदुओं के साथ अपना संपर्क व समन्वय बढ़ाएगा , जिसके तहत आरएसएस सिख, मुस्लिम, ईसाई , बौद्ध और पारसी समेत अन्य धर्म के लोगों के साथ समन्वय बढ़ाए जाने के लिए जोर देगा। जहां एक तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक समरसता के तहत दलित और मलिन बस्तियों के बीच पैठ बढ़ाए जाने के संबंध में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर रहा है , इसी बीच अब ईसाइयों और मुसलमानों को संघ के साथ जोड़े जाने का भी बड़ा फैसला अवध प्रांत व उनके साथ विभागों की टोलियां के साथ बैठक में सर संघचालक मोहन राव भागवत ने लिया है ।
शताब्दी वर्ष तक अवध प्रांत के प्रत्येक गांव में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार
सर संघ चालक मोहनराव भागवत जहां दलित और मलिन बस्तियों के बीच पैठ बढ़ाये जाने व मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और पारसी समेत अन्य धर्म के लोगों के साथ समन्वय बनाए जाने के निर्देश दे रहे हैं, इसी बीच शताब्दी वर्ष तक अवध प्रांत के प्रत्येक गांव में शाखा, साप्ताहिक मिलन और मासिक मंडली बैठक का आयोजन करने पर भी बैठकों पर जोर दे रहे हैं । संघ प्रमुख ने सामाजिक समरसता व सद्भाव बढ़ाने के तहत गैर हिंदुओं के साथ भी संपर्क और समन्वय बनाने की बात कही है साथ ही संघ के कामकाज की जानकारी देने की बात भी मोहनराव भगत के द्वारा कही गई ।
ऐसे स्वयंसेवक तैयार करें जो जिम्मेदारी का करें निर्वाह- मोहन
सर संघचालक मोहन राव भागवत ने शताब्दी वर्ष तक प्रत्येक गांव तक संघ की उपस्थिति को बढ़ाए जाने व प्रमाणिक स्वयंसेवको की टीम तैयार करने की भी बात कही, जिसमें मोहन भागवत ने बताया कि ऐसे स्वयंसेवक तैयार करें जो अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह स्वयं करें प्रांत और विभाग के पदाधिकारीयो से मोहन भागवत ने कहा कि ऐसे स्वयंसेवक तैयार करें जो दिन में कम से कम 3 से 4 घंटे संघ को दे सके। सरसंघचालक मोहन राव भागवत में कहा कि पदाधिकारी लगातार लोगों के बीच बैठक कर उनसे संपर्क और समन्वय बनाएं साथ ही लोगों को संघ परिवार की जानकारी देते हुए उन्हें शाखा के साथ जोड़े।
यह भी पढ़ें- ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के जरिये महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव समझायेगी BJP
सरकार की योजनाओं का दलितो और गरीबों को दिलाए लाभ- मोहन
संघ प्रमुख ने दलितो और गरीबों को उनका हक दिलाए जाने पर जोर डालते हुए पदाधिकारी से कहा कि दलितों और मलिन बस्तियों की बीच लगातार कार्यक्रमों के आयोजन पर सभी पदाधिकारी जोर दे , साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ भी सभी को पहुंचे इसका ध्यान रखें। दलित व मलिन बस्तियों में संघ की सेवा कार्यक्रम लगातार संचालित होते रहने चाहिए साथ ही त्योहार और धार्मिक कार्यक्रमों में भी उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें।