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नई आबकारी नीति पर बवाल के बाद केजरीवाल सरकार का क्या है प्लान? किन दुकानों पर मिलेगी शराब? जानिए

Delhi Liquor Policy news: दिल्ली में जो लोग शराब की प्राइवेट दुकानों के खुलने का इंतजार कर रहे हैं उन्हें कुछ महीने और सब्र करना पड़ सकता है क्योंकि केजरीवाल सरकार मौजूदा शराब नीति को ही कुछ बदलावों के साथ आगे बढ़ाने जा रही है.

Liquor

Delhi Liquor Policy: राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति लागू करने के बजाए मौजूदा नीति को ही अगले छह महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है. अपने इस फैसले के तहत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में केवल सरकारी दुकानों के जरिए ही शराब की बिक्री होगी. बताया जा रहा है कि मौजूदा नीति को 30 सितंबर के बाद आगे बढ़ाया जाएगा. इसकी मंजूरी के लिए फाइल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजी गई है. उक्त फाइल पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के बाद इसे एलजी वीके सक्सेना के पास भी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

शराब नीति को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना की मंजूरी के बाद 6 महीने के लिए लाइसेंस रिन्यू किए जाएंगे. बता दें कि दिल्ली में नई शराब नीति में घोटाले के आरोप लगने के बाद केजरीवाल सरकार ने पुरानी नीति को ही लागू कर दिया था. उक्त नीति को पहले 6 महीने के लिए लागू किया था जब तक विभाग 2023-24 के लिए नई नीति बनाए. वही 6 महीने की अवधि 30 सितंबर को खत्म होने जा रही है, लेकिन अभी तक नई नीति तैयार नहीं हो पाई है. ऐसे में पुराने नियमों को ही और 6 महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया है.

Delhi Liquor Policy Case

दिल्ली में शराब की 652 दुकानें

फिलहाल दिल्ली में शराब की निजी दुकान को मान्यता नहीं है, सरकार की अनुमति वाली शराब की 652 दुकानें हैं जिन्हें 4 सरकारी निकायों डीएसआईआईडीस, डीटीटीडीसी, डीएससीएससी, डीसीसीडब्ल्यूएस के जरिए चलाया जा रहा है. वहीं, शराब पीने वालों को कुछ बेहतर अनुभव देने के लिए 48 प्रीमियम दुकानें भी खुलवाई गई हैं. प्रीमियम दुकानों को बड़े बाजार और मॉल्स में खोला गया है. जिनमें से अधिकतर दुकानें मॉल और अहम बाजार जैसे सीपी, साकेत, वसंतकुंज, मयूर विहार, साउथ एक्सटेंशन, खान मार्केट, आईएनए, लोधी कॉलोनी और ग्रेटर कैलाश में हैं.

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Liquor Ban

आबकारी विभाग को 7 हजार करोड़ रुपये ज्यादा आय

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले एक साल में आबकारी विभाग को दिल्ली में 7,285 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है, जिसमें 2013.44 करोड़ रुपए का वैट कलेक्शन शामिल है. केजरीवाल सरकार जो नए प्लान लेकर आई थी, उससे ये आय कई गुना बढ़ सकती थी, लेकिन कुछ ​खामियां निकल आईं और मनीष सिसौदिया को जेल भेज दिया गया.

— भारत एक्सप्रेस



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