फिलिस्तीन के समर्थन में एकजुट हुए सुन्नी और शिया मुसलमान, लखनऊ में जुमे की नमाज के बाद बोले- भारत सरकार करे हस्तक्षेप
Indian Muslims Support to Palestine: इजराइल और फिलिस्तीनी हमलावरों के बीच जंग तेज हो रही है. आज दुनियाभर में इस्लाम मजहब के अनुयायियों ने शुक्रवार, 13 अक्टूबर को जुमे की नमाज अदा की. इस मर्तबा लखनऊ में सुन्नी और शिया पंथ के मुस्लिमों ने एकजुटता दिखाते हुए फिलिस्तीन के समर्थन में नारेबाजी की. यूपी की राजधानी लखनऊ में मजलिस-ए-उलमा-ए-हिन्द की अगुवाई में सैकड़ों नमाजी एकत्रित हुए और उन्होंने इजराइल को कोसा. उन्होंने कहा- ”इजराइल बड़े-बड़े हथियारों से मासूमों की जान ले रहा है…फिलिस्तीनी मुसलमानों की हत्या की जा रही है, उसे रोकने के लिए भारत सरकार को आगे आना चाहिए.”
आज लखनऊ की जामा आसिफ़ी मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद फ़लस्तीन में जारी इजराइल के हमलों के प्रभावित लोगों के समर्थन और ‘ज़ालिमों’ के खिलाफ ‘यौम—ए—दुआ’ का आयोजन किया गया. जहां सुन्नी और शिया मुसलमानों ने जुमे की नमाज के बाद फलस्तीन में अमन के लिए खास दुआ की. संगठन के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने जुमे की नमाज़ के बाद फलस्तीनियों के लिए दुआ और इज़राइल के लिए बददुआ करवाई. इस मर्तबा जलसे में ‘इज़राइल और अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे भी लगे.
‘इजराइल अमेरिका जैसे तानाशाह के समर्थन पर निर्भर, दुनिया खामोश’
मौलाना ने नमाज़ियों को सम्बोधित करते हुए कहा, ”अंतरराष्ट्रीय शक्तियों और मानवाधिकार संगठनों को पहले यह देखना चाहिए कि आज फ़लस्तीनी आखिर क्यों लड़ रहे हैं? सभी मानवाधिकार संगठन और संयुक्त राष्ट्र औपनिवेशिक शक्तियों के हाथों का खिलौने हैं. उन्होंने आज तक शांति स्थापित करने और फलस्तीन की समस्या को हल करने के लिए कोई गंभीर कदम नहीं उठाया है.” उन्होंने कहा, ”इजराइल अमेरिका जैसे तानाशाह के समर्थन पर निर्भर और क़ायम है लेकिन दुनिया इस पर खामोश है। जब तक फलस्तीनियों को उनका अधिकार नहीं दिया जाता तब तक यह समस्या हल नहीं हो सकती.’’
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‘गाजा में बच्चे-महिलाएं मारे जा रहे हैं. खाने-पीने की चीज़ों की कमी है’
मौलाना ने कहा, “इज़राइल ने गाज़ा के लोगों के लिए पानी बंद कर दिया, बिजली आपूर्ति रोक दी.अस्पताल घायलों से भरे हुए हैं.बच्चे और महिलाएं मारे जा रहे हैं. खाने पीने की चीज़ों की कमी है, क्योंकि जिन मार्गों से गाज़ा तक रसद पहुंचती है, उन्हें बंद कर दिया गया है. क्या यह ज़ुल्म नहीं है?” मौलाना ने केन्द्र की सरकार से इजराइल-फलस्तीन जंग में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा, ”हमारी मांग अपनी सरकार से है कि वह जंग बंदी में अहम भूमिका निभाए. हमारा देश हमेशा मज़लूमों के साथ रहा है. गांधी जी और उनके बाद के सभी नेताओं ने हमेशा फलस्तीन का समर्थन किया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी कहा था कि जब तक फलस्तीनियों को उनकी ज़मीन वापस नहीं मिल जाती तब तक यह मसला हल नहीं हो सकता. इसलिए हमारी मांग है कि भारत बातचीत के ज़रिए इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करे.”
‘सब आवाज उठाएं ताकि फलस्तीनियों को उनका जायज हक मिले’
इस बीच, लखनऊ की जामा मस्जिद ईदगाह में भी जुमे की नमाज के बाद फलस्तीन में अमन के लिए खास दुआ की गई. शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने जामा मस्जिद ईदगाह में जुमे की नमाज से पहले नमाजियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम की तीसरी सबसे पवित्र जगह फलस्तीन पर यहूदियों ने वर्ष 1948 से कब्जा कर रखा है. उन्होंने फलस्तीन में इजराइली हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, ”तमाम देशों को चाहिए कि वह फलस्तीन मसले के हल के लिए आगे आएं, जिससे फलस्तीनियों को उनका जायज हक हासिल हो सके.” जुमे की नमाज के दौरान फलस्तीन और पूरी दुनिया में अमन के लिए खास दुआएं की गई.
— भारत एक्सप्रेस