दाल-चावल रोटी के लगातार बढ़ रहे दाम
Infilation: अब से कुछ महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव होना है और महंगाई थमने के नाम नहीं ले रही है. बीते कुछ समय से लगातार खाने पीने की चीजों के दाम बढ़ ही रहे हैं. कहने को तो सितंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर 5 फीसदी के पास आ गई, लेकिन इसका खाने पीने की चीजों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. साल भर अरहर की दाल के दाम ने जनता को रुलाया है. अगर इस साल 2023 की ही बात करें तो एक साल में अरहर दाल 38 फीसदी तक महंगी हो गई. यहां तक की खदरा बाजार में भी अरहर की दाल ने दाम 150 रुपये के पार चले गए हैं.
जब दाल महंगी है तो चावल-गेंहू और आटे के दाम भी महंगे होने लाजमी हैं. ऐसे में गरीब इन सब चीजों से ही गुजारा करता है. बात सिर्फ दाल, चावल और आटे की नहीं है. चीनी की मिठास भी लगातार कड़वी होती जा रही है और अभी यह सिलसिला जारी रहने वाला है.
त्योहारी सीजन में महंगी हो रहीं दालें
दरअसल अरहर दाल समेत कई खाने पीने की चीजों के दाम जनता को राहत की सांस नहीं देने वाले हैं. भले अभी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा का चुनाव हैं, लेकिन इसके बाद भी महंगाई कम नहीं होने वाली है. कयोंकि यहां फिलहाल अभी त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है. इसके चलते अभी महंगाई और बढ़ेगी. जानकारी के मुताबिक, पहले चावल, दाल, आटे और चीनी की कीमतों में उछाल विपक्ष को सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोलने का मौका दे सकती है. सरकार डेटा के मुताबिक भी इन खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है.
पिछले एक साल में इतनी महंगी हुईं दाल-आटा
उपभोक्ता मामलों के विभाग के प्राइस मॉनिटरिंग डिविजन के मुताबिक, 29 अक्टूबर, 2023 को अरहर दाल 154.83 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था जो एक महीने पहले 148.5 रुपये प्रति किलो और एक साल पहले 112.2 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था. इस तरह से दाल की कीमतों में कुल एक साल में 38 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसी तरह पिछले एक साल में उड़द दाल की दाल में 10 फीसदी, मूंग दाल में 11.66 फीसदी का इजाफा हुआ है.
दालों के अलावा चावल पिछले एक साल में 13 फीसदी, गेहूं 4.45 फीसदी महंगी हुई है. इसके अलावा घरेलू बाजार में चीनी फिलहाल 43.86 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. यानि एक साल में चीनी के दाम 3.32 फीसदी बढ़े हैं.