उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा
Atal Bihari Vajpayee Jayanti: उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर विशेष संबोधन दिया। डॉ. दिनेश शर्मा ने शिक्षा को जीवन में तरक्की का सबसे बड़ा हथियार बताते हुए कहा कि ‘जिस घर में शिक्षा की अलख जगी हो, उसकी तरक्की को कोई रोक नहीं सकता।’
डॉ. दिनेश शर्मा ने अटल जयंती की पूर्व संध्या पर रवीन्द्रालय में आयोजित कार्यक्रम में लखनऊ को अटल के सपनों का शहर बताते हुए कहा कि आज के लखनऊ के विकास की भी एक अटल कहानी है। यह एक विशेष तहजीब और संस्कृति का शहर है जहां रामलीला के आयोजन में मुस्लिम तो ईद के आयोजन में हिन्दू बढचढकर भाग लेते हैं। अटल जी के सपनों के सर्वधर्म समभाव के शहर लखनऊ ने देश प्रदेश के विकास में अपना योगदान दिया है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अटल जी के जन्मदिन पर यह संदेश जन जन तक जाना चाहिए कि प्रदेश के लोग जाति धर्म में नहीं बंटे। आज सरकार की योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के सभी लोगों तक पहुच रहा है। तुष्टीकरण किसी का नहीं और विकास सभी का मंत्र है। राशन से लेकर मकान, शौचालय तक सभी बिना भेदभाव के मिल रहे हैं। आज पाकिस्तान में जहां अनाज के लिए गोलियां चल रही है वही मोदी और योगी सरकार लोगों को फ्री में 10 किलो राशन दे रही हैं। योजनाओं का लाभ देने में जाति धर्म नहीं पूछी जा रही है। इस देश में चार जाति और चार धर्म हैं। मोदी जी कहते हैं पहले जाती है महिला दूसरी युवा तीसरी किसान और चौथी जाती गरीबी है हमें इनके लिए काम करना है धर्म लोगों को बांटने का नहीं बल्कि जोडने का कार्य करते हैं।
डॉ. दिनेश शर्मा ने देश में चल रही विकसित भारत संकल्प यात्रा को भारत के विकास की कहानी बताते हुए कहा कि ये उस भारत के विकास की कहानी है जहां के लोग पहले अच्छी शिक्षा के लिए विदेश जाते थे पर आज विदेशी छात्र अच्छी शिक्षा के लिए भारत आ रहे हैं। पहले भारत विदेश से हथियार खरीदने को मजबूर था और आज भारत दूसरे देशों को हथियार दे रहा है। पहले बीमारियों से बचाव के लिए टीका बाहर से आता था पर अब कोरोना जैसे समय में भी देश ने पहली बार टीका बनाकर अपने नागरिकों को सुरक्षित करने के साथ ही दूसरे देश के लोगों को भी टीका देकर सुरक्षित किया। ये बदला हुआ भारत है। इस भारत में प्रधानमंत्री मोदी ने नारी शक्ति के सशक्तीकरण के लिए उनकी नीति निर्माण में भागीदारी बढाने की व्यवस्था कर दी है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अंग्रेजों ने देश पर राज करने के लिए लोगों को जाति धर्म में बांटने का काम किया था। उन्होंने भारत की संस्कृति को दूषित किया था। आज अपनी संस्कृति को बचाने की आवश्यकता है। अपने उपमुख्यमंत्री पद के कार्यकाल का स्मरण करते हुए डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि उस समय में मदरसों में दीनी शिक्षा के साथ ही आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था की गई थी। तब लक्ष्य रखा गया था कि एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कम्प्यूटर होना चाहिए। इसके पीछे अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के भविष्य को संवारने की मंशा थी जिससे वहां के बच्चे भी अच्छे प्रोफेशन में जा सकें।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि किसी भी बच्चे के लिए उसके माता पिता ही प्रथम शिक्षक होते हैं। वहां से मिले संस्कार ही बच्चे के जीवन की नींव होते हैं। घर में बुजुर्गो का सम्मान किया जाना चाहिए। जो बडों का सम्मान नहीं करता है वह अच्छा व्यक्ति नहीं हो सकता है। घर में होने वाले झगडे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। बच्चें को अच्छा बनाने के लिए घर के वातावरण को अच्छा करना होगा। घर का वातावरण बुजुर्गों का सम्मान करने से अच्छा बनता है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी कहां करते थे कि देश की प्रगति के लिए जरूरी है कि सभी लोग एकजुट होकर कार्य करें। पूर्व राष्ट्रपति कलाम का उदाहरण देते हुए उन्होंने बच्चों से कहा कि जीवन में सफलता के लिए सतत प्रयास के साथ ही उमंग और उत्साह को बनाए रखना चाहिए। जीवन में सफलता के लिए बडे सपने देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करनी चाहिए।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम अखिल भारतीय मेडिकल एक्सपो एवं पूरे देश भर के होम्योपैथिक डॉक्टर के महासम्मेलन में डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि चिकित्सकों और भारत की चिकित्सा पद्धति ने पूरी दुनिया में देश का परचम लहराया है। होम्योपैथी एक ऐसी पद्धति है जो धीरे धीरे मर्ज को पूरी तरह से समाप्त कर देती है। इसके कोई साइड इफैक्ट नहीं होते हैं। कैंसर की दूसरी स्टेज तक को इससे बिना किसी आपरेशन के ठीक किया जा सकता है। यह एक वरदान है। आज दुनियाभर में लोग भारत की चिकित्सा पद्धतियों को अपना रहे हैं।
— दिनेश शर्मा
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