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‘ये गणित मेरी तो समझ से परे है..’, डिंपल बोलीं- PM कहते हैं 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए, फिर 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज क्यों दे रहे?

मोदी सरकार की 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज वाली जनकल्‍याणकारी योजना पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की पत्‍नी एवं मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने सवाल उठाए. पीएम ने कहा- बीमारी से कोई उबरता है तो देखभाल करनी पड़ती है.

dimple yadav and PM Modi

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की पत्‍नी एवं मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव (इनसेट में पीएम मोदी)

BJP Vs Samajwadi Party: समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव की पत्‍नी एवं मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने आज ऐसी बात कह दी, कि सोशल मीडिया पर सपा और भाजपा समर्थकों में ऑनलाइन जंग छिड़ गई है. डिंपल ने मोदी सरकार की 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली योजना पर सवाल उठाया, साथ ही भाजपा के इस दावे पर कि ’25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं’ को लेकर भी तंज कसा.

डिंपल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “एक तरफ वे (प्रधानमंत्री मोदी) कह रहे हैं कि हम 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं और दूसरी तरफ भाजपा कहती है कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. ये किस तरह का गणित है मेरी तो समझ से परे है.”

akhilesh and dimple

बीमारी से कोई उबरता है तो देखभाल करनी पड़ती है- पीएम

विपक्षी दलों के इस तरह के बयानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले ही जवाब दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि “ये लोग हमारी जन-हितैषी योजनाओं पर सवाल उठाते हैं…हमसे पहले इनकी सरकारों ने क्यों गरीबी दूर नहीं की? कांग्रेस की एक प्रधानमंत्री ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था…लेकिन गरीबी हटाने के लिए किया क्या था? हमारी सरकार में गरीबों-पिछड़ों, शोषितों-वंचितों..सबको हक दिया गया. बीते 10 साल में करोड़ों लोग गरीबी रेखा से उूपर उठे हैं. रिपोर्ट है कि 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. अब जो (विपक्षी नेता) सवाल उठा रहे हैं कि अगर इतने लोग गरीबी से बाहर आए हैं तो 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज क्यों दिया जा रहा है..तो सुन लीजिए! जब कोई बीमार होता है..डॉक्टर उसका इलाज करता है, फिर मरीज ठीक होता है तो डॉक्टर उसके परिवार से कहता है कि कुछ समय तक इसका ख्याल रखिएगा..इसे दिक्कत मत होने दीजिएगा. यही हम कर रहे हैं..देश के करोड़ों लोग बरसों तक गरीबी में जिए..उन्हें उसके दंश से निकालने में कुछ राहत-मदद भी तो चाहिए! मुफ्त अनाज इसलिए पहुंचाया जा रहा है, ताकि उन्हें दिक्कत न हो, मगर ​I.N.D.I. अलायंस वालों की मानसिकता देखिए…इस पर भी सवाल उठा रहे हैं.” ऐसी ही बात अमित शाह ने भी ​I.N.D.I. अलायंस वालों के लिए कही थी.

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कोरोना-काल में शुरू की गई थी यह योजना

बता दें कि देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिए जाने की योजना कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई थी. कोरोना-काल के बाद इसे कई बार आगे बढ़ाया जा चुका है. नवंबर 2023 की शुरूआत में पीएम मोदी ने ऐलान किया कि जनता को अगले 5 वर्ष तक इसका लाभ मिलता रहेगा. मोदी सरकार की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)’ के तहत हर महीने प्रति व्यक्ति को 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जा रहा है. इस योजना के तहत हर परिवार को 5 किलो गेहूँ या चावल और 1 किलो दाल मुफ्त में मिलती है. साथ ही एक किलो साबुत चना भी उन्हें दिया जाता है.

मोदी सरकार का ‘मास्टरस्ट्रोक’ साबित हुई ये योजना

केंद्र सरकार की इस योजना से इसमें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को मदद मिलती है. इसका लाभ सीमान्त किसानों और दिव्यांगों को भी मिलता है. इस योजना को मोदी सरकार के ‘मास्टरस्ट्रोक’ के रूप में भी देखा जाता है, जिससे गरीबों को अच्छा-खासा लाभ हुआ है. इसके कारण भीषण वैश्विक महामारी के दौरान भी देश भुखमरी से बच गया. इसके अलावा ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA)’ पहले से ही लागू है, PMGKAY योजना इसके साथ-साथ ही चल रही है.



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