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दिन में किस टाइम में सबसे ज्यादा होती हैं मौतें, इंसानों का शरीर किस वक्त होता है कमजोर? जानिए, मेडिकल साइंस से

मेडिकल रिसर्च इसके बारे में कहता है कि अस्थमा के अटैक का खतरा दिन के आम वक्त की अपेक्षा सुबह के 3 से 4 के बीच 300 गुना से अधिक बढ़ जाता है.

सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया

जीवन और मौत किसी रहस्य से कम नही हैं. इस पहेली को तमाम प्रयासों के बावजूद वैज्ञानिक सुलझा नहीं सके हैं लेकिन इसको लेकर तमाम तरह के किस्से और कहानियां सामने आती रहती हैं, जो इस रहस्य को और भी जानने की जिज्ञासा मन में पैदा करता है. कभी-कभी तो पूर्वजन्म को लेकर भी कई बार तमाम खबरें सामने आ आई हैं, तो वहीं अब ये तथ्य सामने आया है कि पूरे दिन में किस समय सबसे अधिक मौते होती हैं.

ये सत्य है कि मृत्यु और जीवन दोनों ही एक बड़ा रहस्य है, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों ने सबसे ज्यादा इंसान किस समय शरीर छोड़ता है, इसको लेकर कई दावे किए हैं. अगर दुनिया की कई संस्कृतियों और धार्मिक मान्यताओं को मानें तो रात का तीसरा पहर यानी रात 3 बजे से 4 बजे तक का समय, इंसानों के लिए काफी खतरनाक माना गया है. कुछ मान्यताओं के आधार पर तीसरे पहर के दौरान कुछ शैतानी शक्तियां सबसे अधिक शक्तिशाली हो जाती हैं और इस दौरान इंसान का शरीर सबसे ज्यादा कमजोर होता है.

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जानें क्या कहता है मेडिकल साइंस

तो वहीं मेडिकल साइंस इसको लेकर बिल्कुल अलग विचार रखता है. मेडिकल रिसर्च इसके बारे में कहता है कि अस्थमा के अटैक का खतरा दिन के आम वक्त की अपेक्षा सुबह के 3 से 4 के बीच 300 गुना से अधिक बढ़ जाता है. मेडिकल साइंस कहता है कि इस दौरान एड्रेनेलिन और एंटी-इंफ्लेमेटरी हार्मोंस का उत्सर्जन शरीर में बहुत घट जाता है. जिससे शरीर में श्वसनतंत्र बहुत ज्यादा सिकुड़ जाता है. तो दूसरी ओर दिन की अपेक्षा इस वक्त ब्लडप्रेशर भी सबसे कम हो जाता है. इसको भी इस दौरान होने वाली सबसे अधिक मौतों का कारण माना जाता है.

सुबह 6 बजे भी बढ़ जाता है मौत का खतरा

एनआईयू लैंगोन मेडिकल सेंटर की डॉ रोशनी राज ने इस सम्बंध में मीडिया को दिए अपने बयान में बताया है कि सुबह 6 बजे कोर्टिसोल हार्मोन के तेजी स्त्राव के कारण खून में थक्के जमने और अटैक पड़ने का खतरा ज्यादा होता है लेकिन सबसे ज्यादा ब्लडप्रेशर रात में 9 बजे होता है. यह भी मौत का कारण बन सकता है. वहीं 40 सालों से प्रैक्टिस कर रहे डॉ चंदर असरानी दावा करते हुए कहते हैं कि कमजोरी के चलते मौत की बात पूरी तरह से गलत है. वह कहते हैं कि सुबह 6 से दोपहर 12 के बीच हार्टअटैक की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है.

सोने के दौरान भी होती है सबसे अधिक मौतें

वह आगे कहते हैं कि रात में सोने के दौरान भी लोगों की मौत होती है. इसकी वजह स्लीप एप्निया होती है. वह कहते हैं यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें सोने के दौरान लोगों की सांसें रुक जाती हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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