brown rice vs white rice which is better
दुनिया भर में चावल का हर कोई दीवाना है. यह कार्बोहाइड्रेट, फोलेट और विटामिन बी1 जैसे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है. वहीं विदेशों में तो अब आपको इंडियन रेस्टोरेंट मिल जाएंगे, जहां आप इडली-डोसा से लेकर दाल फ्राई तक- हर चीज खाने को मिल जाएगी. सिर्फ इतना ही नहीं, विदेशों में तो भारत की ही तरह अब दाल चावल खाने का ट्रेंड भी खूब देखने को मिल रहा है. लेकिन कुछ समय पहले तक सफेद चावल उतने हेल्दी नहीं माने जाते थे, जितना अब माने जा रहे हैं. इसलिए ज्यादातर सफेद चावल की बजाय ब्राउन राइस को अपनी डाइट में शामिल करने लगे हैं.
ब्राउन राइस का रंग भूरा होता है और सफेद चावल के मुकाबले इनका स्वाद भी थोड़ा अलग होता है. ब्राउन राइस को पकने में सफेद चावल से ज्यादा समय लगता है. लेकिन ब्राउन राइस में सफेद चावल के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं. क्योंकि यह किसी पॉलिश प्रक्रिया से नहीं गुजरते. ब्राउन राइस में प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटैशियम व फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. ब्राउन राइस में विटामिन-ई होता है, यह शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करता है. ब्राउन राइस एक तरह का होल ग्रेन है. होल ग्रेन्स में नेचुरल न्यूट्रिएंट्स जैसे विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर आदि पाए जाते हैं. ब्राउन राइस को पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद माना जाता है.
ब्राउन या सफेद चावल में से किसे चुनें?
वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्राउन राइस की तुलना में सफेद चावल का प्रोसेसिंग इसपर प्रभाव डालता है. प्रोसेसिंग के दौरान, सफेद चावल अनाज के सबसे पौष्टिक हिस्सों, यानी की रेशेदार चोकर और पौष्टिकता को खो देता है, जिससे इसमें कम जरूरी पोषक तत्व रह जाते हैं. हालांकि, निर्माता कुछ पोषक तत्वों को बदलने के लिए सफेद चावल को समृद्ध करते हैं, फिर भी यह ब्राउन राइस में पाए जाने वाले पोषण स्तर से कम है. दोनों ही चावल के कुछ फायदे और नुकसान हैं और कोई भी व्यक्ति अपनी पर्सनल चॉइस के आधार पर चुन सकता है कि किस प्रकार का चावल खाया जाए.
ब्राउन राइस के लाभ
फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर, ब्राउन चावल ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने, वजन मैनेज करने में सहायता और ओवरऑल हेल्थ में मदद करता है.
कमियां
इसमें फाइटिक एसिड और आर्सेनिक का हाई लेवल पाया जाता है, जो मिनरल्स पर असर कर सकता है और गर्भवती महिलाओं के लिए चिंता पैदा कर सकता है. ब्राउन राइस में हाई फाइबर होने की वजह से पाचन के लिए फायदेमंद होते हुए भी, सूजन और गैस जैसी पाचन से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है. ब्राउन राइस में मौजूद जरूरी तेल इसे सफेद चावल के मुकाबले तेजी से खराब कर सकते हैं. अगर ठीक से स्टोर न किया जाए तो भोजन बर्बाद हो सकता है.
सफेद चावल के लाभ
सफेद चावल विटामिन बी और आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे यह एनर्जी का एक अच्छा स्रोत बन जाता है.
कमियां
ब्राउन राइस में फाइबर और कुछ पोषक तत्वों की कमी होती है, जिससे संभावित रूप से तेजी से पाचन होता है और ब्लड शुगर के लेवल में उतार-चढ़ाव होता है. किसी व्यक्ति की फिटनेस और पोषण के आधार पर दोनों प्रकार के चावल का सेवन किया जा सकता है. हालांकि, इन कारणों से ब्राउन चावल के सेवन का समर्थन डाइटिशियन करती है-
ब्लड शुगर का लेवल
ब्राउन राइस की फाइबर सामग्री सफेद चावल के मुकाबले ब्लड शुगर के लेवल को ज्यादा प्रभावी ढंग से कंट्रोल करने में मददगार है, जिससे यह डायबिटीज या प्रीडायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए बेहतर ऑप्शन बन जाता है.
वजन को मैनज करें
ब्राउन राइस की फाइबर सामग्री तृप्ति को बढ़ावा देती है और लोगों को लंबे समय तक भरा हुआ रखकर वजन मैनेज में सहायता कर सकती है.
ओवर ऑल हेल्थ
ब्राउन राइस को बैलेंस डाइट में शामिल करने से सफेद चावल की तुलना में ज्यादा पोषक तत्व और स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं, जिससे कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ, वजन कंट्रोल और ऑवर हेल्थ में मदद मिलती है.
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