दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल.
दिल्ली शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कथित आरोपी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से ईडी द्वारा जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 23 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह व न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा ईडी के जवाब के जवाब में आप नेता द्वारा दिया गया जवाब रिकॉर्ड में नहीं है. केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि जवाब दायर कर दिया गया है लेकिन हो सकता है कि यह अदालत के रिकॉर्ड में न हो. वहीँ ईडी के वकील ने दोहराया कि याचिका अब निरर्थक हो गई है.
पीठ ने जवाब रिकॉर्ड में लाने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी. ईडी के वकील ने पहले तर्क दिया था कि 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एजेंसी द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद समन के खिलाफ याचिका निरर्थक है क्योंकि उच्च न्यायालय ने उन्हें बलपूर्वक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया था. आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने ईडी द्वारा जारी नौवें समन के मद्देनजर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें 21 मार्च को उसके समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया था.
उच्च न्यायालय की पीठ ने 20 मार्च को ईडी से याचिका की स्थिरता के संबंध में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था. अगले दिन अदालत ने ईडी से केजरीवाल की गिरफ्तारी से संरक्षण की याचिका पर भी जवाब देने को कहा था लेकिन अंतरमि राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया था.
केजरीवाल को उसी शाम ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. केजरीवाल वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत पर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांचे जा रहे भ्रष्टाचार मामले में उनकी जमानत के मुद्दे पर आदेश सुरक्षित रखा है. सीबीआई ने 26 जून को आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था. ईडी ने आरोप लगाया है कि मामले के अन्य आरोपी अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति को तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ और आप को रिश्वत मिली.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.