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Bihar में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हुई, Tejashwi Yadav ने Nitish Kumar पर साधा निशाना

Bihar Hooch Tragedy: अप्रैल 2016 में बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन फिर भी शराब की तस्करी जारी है. आए दिन राज्य में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की खबरें सामने आती हैं.

Nitish Kumar

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

बिहार (Bihar) के सारण (छपरा/Chhapara) और सीवान (Siwan) जिलों में जहरीली शराब (Spurious Liquor) पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है. कई लोगों की हालत गंभीर है, जिनका सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है.

इस घटना को लेकर बिहार के डीजीपी आलोक राज ने गुरुवार को बिहार पुलिस और मद्यनिषेध विभाग के अधिकारियों को घटना की गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया है.

डीजीपी ने बताया कि जहरीली शराब पीने से अब तक 25 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. सीवान जिले में 20 और सारण जिले में अब तक 5 लोगों की मौत हुई है. राज्य सरकार ने इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है.

बिहार पुलिस सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है. घटना की सूचना मिलते ही बिहार पुलिस के एसपी और डीआईजी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया. संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है.

प्रभावित इलाकों का निरीक्षण

उन्होंने कहा कि इसके अलावा पटना से मद्य निषेध के अधिकारी प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने जा रहे हैं. शराब की सप्लाई कहां से हो रही है? इसमें कितने शराब माफिया शामिल हैं? सभी का पता लगाया जा रहा है. सभी के खिलाफ गंभीर और सख्त कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल संदेह के आधार पर 9-10 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पूछताछ के बिंदुओं पर कुछ शराब माफियाओं के नाम सामने आए हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बिहार सरकार में मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने गुरुवार को आईएएनएस से बात की. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून होने के बाद भी भारी मात्रा में जहरीली शराब की सप्लाई जारी है. सरकार से कहां पर चूक हो रही है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को शराब से दूरी बनानी चाहिए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को बचाने के लिए शराबबंदी कानून बनाया. समाज को शराब के प्रति जागरूक होने की जरूरत है.

2016 से लागू है शराबबंदी

सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान से लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की ओर से 12 जिलों में शराब के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. बता दें कि अप्रैल 2016 में बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन फिर भी शराब की तस्करी जारी है. हर दिन बिहार में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है.

मुख्यमंत्री ने की समीक्षा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीवान और सारण जिले में कल हुई जहरीली शराब कांड की उच्चस्तरीय समीक्षा की. समीक्षा के बाद उन्होंने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव को मौके पर जाकर पूरी स्थिति की जानकारी जुटाने और सभी बिंदुओं पर गहन जांच करने का निर्देश दिया है. उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वे पूरे मामले की निगरानी करें और जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.

मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से अपील करते हुए कहा कि शराब पीना बुरी बात है, यह लोगों को समझना चाहिए. शराब पीने से न सिर्फ स्वास्थ्य खराब होता है, बल्कि परिवार और समाज में आशांति का माहौल पैदा होता है. उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लोग इसका पालन कर रहे हैं. कुछ असामाजिक तत्व समाज में अशांति पैदा करना चाहते हैं, उनसे लोग सतर्क रहें.

तेजस्वी और PK ने साधा निशाना

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कहते हैं, ‘शराबबंदी सिर्फ कागजों पर है. अवैध शराब की वजह से 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. इतनी बड़ी घटना हो गई, लेकिन मुख्यमंत्री ने अब तक पीड़ितों के प्रति संवेदना नहीं जताई है. लोग मरे नहीं हैं, उनकी हत्या हुई है. किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए.’

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, ‘पिछले दो सालों से हम कह रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी नहीं है. शराबबंदी के नाम पर सिर्फ शराब की दुकानें बंद हैं, लेकिन घर-घर शराब बिक रही है. इससे समाज के हर वर्ग और बिहार की अर्थव्यवस्था को परेशानी हो रही है. इसका फायदा सिर्फ भ्रष्ट अधिकारियों, भ्रष्ट नेताओं और बिहार के शराब माफियाओं को मिल रहा है.’

(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस

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