सीरिया से निकाले गए भारतीय.
सीरिया में बशर अल-असद की सरकार का तख्तापलट होने के बाद विद्रोहियों ने देश पर कब्जा कर लिया है. 8 दिसंबर को हुई इस घटना के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने सीरिया में फंसे भारतीयों को निकालने का अभियान चलाया. इस दौरान मंत्रालय ने 75 नागरिकों को सुरक्षित देश से निकाल लिया है, जिसमें 44 तीर्थयात्रियी भी शामिल हैं. इन सभी को लेबनान भेजा गया है. जहां से इन्हें भारत लाया जाएगा.
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने जानकारी दी कि नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनकी निकासी की प्रक्रिया दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों के सहयोग से सुनिश्चित की गई. मंत्रालय ने यह भी बताया कि निकाले गए नागरिकों में जम्मू-कश्मीर के 44 तीर्थयात्री शामिल थे, जो सैयदा जैनब के धार्मिक स्थल पर फंसे हुए थे, जो शिया मुस्लिमों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
लेबनान के रास्ते आएंगे भारत
इन सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंचाया गया, और वे अब कमर्शियल फ्लाइट के जरिए भारत लौटेंगे. विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भारत सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. MEA ने यह भी बताया कि दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों के बीच बेहतर समन्वय के कारण ही इस निकासी को सफलता मिली.
Press release: Evacuation of Indian Nationals from Syria ⬇️https://t.co/7bESmhpKK2
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) December 10, 2024
विदेश मंत्रालय ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
मंत्रालय ने यह भी कहा कि वे सीरिया के हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और वहां रह रहे भारतीय नागरिकों के संपर्क में हैं. जिन भारतीय नागरिकों को वहां की स्थिति से संबंधित मदद की जरूरत है, उन्हें दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास के इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध) और ईमेल (hoc.damascus@mea.gov.in) पर संपर्क करने की सलाह दी गई है.
विद्रोहियों ने सीरिया पर किया कब्जा
यह घटनाक्रम 8 दिसंबर, 2024 को सीरिया में विद्रोही बलों के बशर अल-असद के शासन को समाप्त करने के साथ जुड़ा है. विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा करने के बाद असद और उनके परिवार को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि असद का विमान रडार से गायब हो गया था और उसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि विमान क्रैश हो सकता है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद और उनके परिवार को राजनीतिक शरण प्रदान की है.
-भारत एक्सप्रेस
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