2025 की शुरुआत भले ही वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच हो रही है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है. चालू वित्तीय वर्ष (FY25) की तीसरी तिमाही (Q3) में उच्च-आवृत्ति संकेतक (High-Frequency Indicators) तेजी से विकास की ओर इशारा कर रहे हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी कलेक्शन, सर्विस सेक्टर पीएमआई, हवाई यात्री यातायात, और वाहन पंजीकरण में दूसरी तिमाही (Q2) के मुकाबले तीसरी तिमाही में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.
चीन में विनिर्माण क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ रहा है, लेकिन घरेलू खपत को बढ़ावा देना और रियल एस्टेट सेक्टर को पुनर्जीवित करना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. अमेरिका में विकास को लेकर मिश्रित संकेत मिल रहे हैं. वहां श्रम बाजार कमजोर हो रहा है और विनिर्माण गतिविधियां धीमी हैं. हालांकि, खुदरा बिक्री, लंबित मकान बिक्री, और सर्विस सेक्टर में मजबूती देखी जा रही है. यूरोप में भी विनिर्माण गतिविधियां धीमी हैं, लेकिन सर्विस सेक्टर में सुधार हो रहा है.
भारत में करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) घटा
भारत में दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) घटकर जीडीपी का 1.2% रह गया, जो पिछले साल Q2 FY24 में 1.3% था. बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री सोनल बद्धन ने कहा, “वाणिज्य घाटा बढ़ने के बावजूद सेवाओं का निर्यात और प्रेषण (रेमिटेंस) में मजबूती के कारण CAD कम रहा. इसके अलावा, Sensex और Nifty 50 ने वर्ष 2024 में क्रमशः 8.7% और 9% की बढ़त दर्ज की. Sensex ने 85,500 का ऐतिहासिक स्तर पार किया.”
2024 में रियल एस्टेट, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (Consumer Durables), और आईटी क्षेत्र सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्टॉक्स रहे. हालांकि, भारतीय रुपया 2024 में 2.8% तक कमजोर हुआ, लेकिन peers की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया. JP Morgan, Bloomberg और FTSE Russell इंडेक्स में बॉन्ड शामिल होने से बाजार में मांग बढ़ी और यील्ड्स पर दबाव कम रहा.
हाई-फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स में सुधार
अक्टूबर-दिसंबर 2024 की तिमाही में हाई-फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स में सुधार दिखा. जीएसटी कलेक्शन साल-दर-साल (YoY) 8.3% बढ़कर ₹5.5 लाख करोड़ हो गया, जो दूसरी तिमाही के ₹5.3 लाख करोड़ से अधिक है. यह खपत में सुधार का संकेत देता है.
त्योहारी मांग के चलते शहरी खपत के अन्य संकेतकों में भी सुधार हुआ. हवाई यात्री यातायात Q3 में 11.6% बढ़ा, जबकि Q2 में यह वृद्धि 7.8% थी. सेवाओं का पीएमआई (PMI) Q3 में औसतन 59.2 रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 58.1 था.
रिपोर्ट में कहा गया कि FY25 की दूसरी छमाही (H2) में विकास दर और बेहतर होगी. इसके साथ ही मुद्रास्फीति (महंगाई) में कमी आने के कारण फरवरी 2025 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 25 बेसिस पॉइंट्स (bps) की दर से कटौती कर सकता है. पूरे चक्र में 50-75bps की कटौती की उम्मीद है.
सरकारी खर्च और निजी निवेश में सुधार के चलते H2 FY25 में इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) की वृद्धि पहले छमाही (H1) FY25 की तुलना में बेहतर होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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