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दिल्ली दंगा मामले में ताहिर हुसैन को कड़कड़डूमा कोर्ट से मिली कस्टडी पैरोल, अंतरिम जमानत पर इनकार

दिल्ली दंगा मामले में साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद ताहिर हुसैन को कड़कड़डूमा कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ कस्टडी पैरोल दिया, लेकिन अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया.

Tahir Hussain

Tahir Hussain

दिल्ली दंगा मामले में साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली हाई कोर्ट के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट से भी राहत मिल गई है. कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ ताहिर हुसैन को कस्टडी पैरोल दिया है. साथ ही कोर्ट ने ताहिर हुसैन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है.

कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अधिकारी ताहिर हुसैन को 16 जनवरी को नामांकन के लिए ले जाए और अगर जरूरत पड़े तो 17 जनवरी को भी ले जाएं. इससे पहले सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया था. पेशी के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जनता उन्हें यह चुनाव जिताएगी.

पहले याचिक हुई थी खारिज

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 जनवरी को ताहिर हुसैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था और ताहिर हुसैन को कुछ शर्तों के साथ कस्टडी पैरोल दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ताहिर उस दिन मोबाइल का इस्तेमाल नही करेगा. इसके साथ ही इंटरनेट का किसी भी तरह का इस्तेमाल नही किया जाएगा. नामांकन पत्र दाखिल करने के प्रोसेस से जुड़े लोगों के अलावा किसी और से ताहिर हुसैन बात नही कर सकेंगे. मीडिया से किसी तरह की कोई बात नही होगी. ताहिर हुसैन के घरवाले के अलावा किसी और के रहने की इजाजत नहीं है. नामांकन के फोटो क्लिक करने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की इजाजत उन्हें नही होगी.

दिल्ली पुलिस ने जमानत का किया था विरोध

दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि ताहिर हुसैन समाज के लिए खतरा है. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा था कि ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के मामले में मुख्य आरोपी है. वो युएपीए केस में मास्टरमाइंड है. कई लोगों की मौत का जिम्मेदार है. पिछली सुनवाई में भी दिल्ली पुलिस ने कहा था कि ताहिर हुसैन जेल में रहते हुए भी नामांकन दाखिल कर सकते है. ऐसे कई उदाहरण है, जहां जेल से नामांकन दाखिल किया गया है.

ताहिर हुसैन के वकील ने क्या कहा?

वहीं, ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील ने कहा था कि AIMIM एक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है. इसलिए उसे अपनी सभी सम्पत्तियों का हिसाब दाखिल करना होगा. साथ ही नामांकन के लिए एक प्रस्ताव देना होगा. जिसपर सुनवाई करते हुए जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि जेल में बैठकर भी नामांकन भरा जा सकता है.

ताहिर हुसैन ने AIMIM के टिकट पर दिल्ली के मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुए पिछले हफ्ते अदालत का रुख किया था. हुसैन ने नामांकन पत्र दाखिल करने, बैंक खाता खोलने और चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी.

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-भारत एक्सप्रेस 



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