
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सफर के समय यात्री के पहने जाने वाले आभूषण सहित उनके पुराने व निजी आभूषण को हवाई अड्डों पर चेकिंग के दौरान जब्त नहीं किया जाना सुनिश्चित करे. उन्हें इसके लिए प्रताड़ित भी नहीं किया जाए.
कोर्ट ने कहा कि अगर अगली सुनवाई की तारीख तक सामान नियमों में संशोधन नहीं किया जाता है तो 19 मई तक एक मानक संचालन प्रक्रिया पेश किया जाए, जिसका नियमों में संशोधन होने तक सीमा शुल्क विभाग उसे पालन करें.
सीमा शुल्क नियमों में संभावित संशोधन
सीमा शुल्क विभाग ने जस्टिस प्रतिबा मनिंदर सिंह और जस्टिस राजनीश कुमार गुप्ता की पीठ को सूचित किया कि इस मुद्दे पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर तथा सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) हितधारकों के साथ परामर्श कर रहा है तथा सामान नियम में संशोधन के लिए कुछ और समय की जरूरत है. इसके बाद कोर्ट ने यह निर्देश पारित किया.
कोर्ट ने यह निर्देश 30 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई के बाद पारित किया है, जिसमें सीमा शुल्क विभाग के देश लौटने वाले भारतीय नागरिकों एवं विदेशी मूल के पर्यटकों के सामान को जब्त करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे.
अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर सीबीआईसी तथा सीमा शुल्क विभाग अब सामान नियमों में संशोधन करने और उसे अदालत के समक्ष पेश न करने के लिए और समय की मांग की है. इसलिए सीमा शुल्क विभाग अपने सभी अधिकारियों को इससे अवगत कराएं.
यात्रियों और पर्यटकों के सामान जब्त करने पर सवाल
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि विदेशों से वापस आने वाले यात्रियों, पर्यटकों एवं भारतीय नागरिकों को हवाई अड्डे पर रोका जा रहा है और उनके पहने हुए आभूषणों सहित कई वस्तुओं को जब्त किया जा रहा है.
कोर्ट ने कहा कि एसओपी में वे सभी मुद्दे शामिल होने चाहिए, जिन्हें अदालत ने उठाया है. जब्त लिए गए सामान के मूल्यांकन और निपटान की प्रक्रियाओं को भी सरल बनाने और उन पर विचार करने की जरूरत है.
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-भारत एक्सप्रेस
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