होली का त्योहार आने वाला है. आज से महज 11 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाने वाला है. जिसके लिए तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं. कई शहरों में एक सप्ताह पहले ही रंगों से होली शुरू हो जाती है. लेकिन क्या आपको पता है मार्केट में नकली हर्बल कलर्स की खेप आ गई है. लेकिन हम यहां आपको असली व नकली रंगों की बेहद आसान तरीके से जांच करना बताने जा रहे हैं. जिसके बाद आप घर पर ही कलर्स की जांच कर सकते हैं.
रंगों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान
नकली, मिलावटी केमिकल से बने रंगों का इस्तेमाल त्वचा के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है. इन रंगों में मौजूद कांच और धूल के कण भी हवा की गुणवत्ता को खराब करने का काम करते हैं. रंगों के अलावा होली में गुलाल का प्रयोग किया जाता है जिसमें ये पदार्थ होते हैं. जानकारों के मुताबिक इन नकली और मिलावटी गुलाल के इस्तेमाल से हवा में कलर पार्टिकुलेट की मात्रा भी बढ़ जाती है. इससे सांस लेने में तकलीफ और फेफड़ों की समस्या होने का खतरा भी बढ़ जाता है. बाजार में असली और नकली रंगों की पहचान के लिए आप इन तरीकों को अपना सकते हैं.
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ये है जांच का तरीका
रंग को पानी में घोलकर इसकी पहचान की जा सकती है. बाजार से रंग लेने से पहले उसकी थोड़ी सी मात्रा पानी में डाल दें, अगर रंग पानी में आसानी से घुल जाता है तो वह जैविक या प्राकृतिक रंग हो सकता है. नकली या मिलावटी रंग पानी में पूरी तरह नहीं घुलते. बहुत चमकीले रंग भी प्राकृतिक नहीं होते हैं. बाजार में रंग खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप ज्यादा चमकीले रंग न खरीदें. दरअसल, रंगों में चमक लाने के लिए इसमें कांच के कण भी मिलाए जाते हैं. बाजार से रंग खरीदते समय इसके निर्माण में प्रयुक्त होने वाली अनेक सामग्रियों के बारे में अवश्य पढ़ लें. पैकेट में बिकने वाले रंगों को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री लेबल पर लिखी होती है. रंगों की गंध से आप असली और नकली रंगों की पहचान कर सकते हैं. अगर रंगों से पेट्रोल या स्प्रिट की गंध आ रही है तो यह मिलावटी रंग हो सकते हैं.
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