जापान का प्रमुख निवेश बैंक सॉफ्टबैंक (SoftBank) पाँच भारतीय स्टार्टअप के साथ बातचीत कर रहा है. उसकी योजना इन इकाइयों में 10 करोड़ डॉलर तक का निवेश करने की है. सॉफ्टबैंक 40 से 50 करोड़ डॉलर के मूल्यांकन वाले इन स्टार्ट-अप को कारोबार के अगले चरण में पहुँचाने और उन्हें यूनिकॉर्न बनने में मदद करना चाहता है. ये सभी निजी कंपनियाँ हैं जिनका मूल्य एक अरब डॉलर के आसपास है.
टोक्यो स्थित निवेश बैंक बिजनेस-टू-कंज्यूमर (B2C) उद्यमों और मीडिया क्षेत्रों में निवेश करना चाहता है. कंपनी की योजना इनमें से प्रत्येक कंपनी में 5-10 करोड़ डॉलर की पूँजी डालने की है, जो भारतीय स्टार्टअप में उसके पहले के दौर की तुलना में काफी कम है.
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब स्टार्टअप्स को तथाकथित फंडिंग ठंडी पड़ती नजर आ रही हैं. निवेशकों ने वैश्विक अनिश्चितताओं और पश्चिम देशों में मंदी के बढ़ते डर की वजह से अपनी जेबें कस ली हैं. सॉफ्टबैंक उन कंपनियों में निवेश करने के विकल्पों पर भी विचार कर रहा है, जहाँ मौजूदा निवेशक द्वितीयक बिक्री के माध्यम से हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं क्योंकि नियोजित प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस तरह के अवसर उपलब्ध होते हैं तो सॉफ्टबैंक 10 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश करने पर भी विचार कर सकता है.
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वर्तमान में भारतीय कंपनियों में उसका कुल निवेश करीब 15 अरब डॉलर है. विभिन्न मीडिया स्रोतों से आ रही खबरों के मुताबिक सॉफ्टबैंक के पहले से निवेश वाली वैश्विक ट्रैवल-टेक फर्म ओयो और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो जैसी उच्च वृद्धि वाली इकाइयाँ नकदी की खपत में काफी कटौती कर रही हैं. इससे उनकी पहले से मजबूत विकास की रफ्तार प्रभावित हो सकती है. अमेरिका और चीन के बाद भारत सॉफ्टबैंक का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है और कंपनी के प्रबंधन से इस साल के शुरू में देश का दौरा भी किया था.
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