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अरे ये क्या… जानवर ने खुद बनाई दवाई और किया अपना इलाज! कर दिखाया गजब कारनामा

इंडोनेशिया से एक हैरान कर देने वाला मामला इन दिनों सामने आया है. जहां एक ऑरंगुटन को लड़ाई के दौरान गाल पर चोट लग गई. इसके बाद उसने खुद ही अपना इलाज जंगल की जड़ी-बूटी से कर लिया. हैरानी की बात ये है कि एक हफ्ते के भीतर वो घाव बिल्कुल ही खत्म हो गया.

जंगल की जड़ी-बूटी से किया जानवर ने अपना इलाज

जंगल की जड़ी-बूटी से किया जानवर ने अपना इलाज

Orangutan Indonesia: पहले के समय में हमारे पूर्वज किसी भी बीमारी के लिए अक्सर जड़ी-बूटियों पर निर्भर रहते थे. उन्हें जड़ी-बूटियों की अच्छी समझ थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौधों के औषधीय गुणों के बारे में पशु-पक्षियों को भी जानकारी होती है. हालांकि जानवरों ने आज भी प्रकृति से खुद को दूर नहीं किया है. यही वजह है कि जब कभी जंगल और जानवर से जुड़ा कुछ हम लोगों के सामने आते हैं, तो वो वायरल हो जाता है. ऐसा ही एक किस्सा इन दिनों लोगों के बीच चर्चा में है.

जंगल की जड़ी-बूटी से किया अपना इलाज

हाल ही में इंडोनेशिया में सुआक बालिंबिंग अनुसंधान पर एक वनमानुष के गाल पर चोट लगी. उस वनमानुष का नाम राकस है. ऑरंगुटन के चोट लगने के बाद उसने कुछ ऐसा किया जिसे देख दुनिया की आंख फटी की फटी रह गई क्योंकि जानवर पहले एक पत्ते को चबाया और फिर उसको अपने चोट पर लगाया जो एक लड़ाई के दौरान उसे लग गई थी. एक शोध में पाया गया कि दक्षिण पूर्व एशिया के ट्रॉपिकल रेनफॉरेस्ट में पाए जाने वाले पौधे और संबंधित लियाना प्रजातियां अपने दर्द निवारक, सूजन और घाव भरने संबंधी महत्तवपूर्ण जड़ी बूटयों को अच्छा मानते हैं.

हैरान रह गए वैज्ञानिक

बता दें ये घटना इंडोनेशिया में सुआक बालिंबिंग अनुसंधान स्थल पर हुई जो कई वनमानुष का घर माना जाता है. लॉमर ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले राकस की लड़ाई उसके किसी साथी से हो गई थी. जिसमें उसको गहरी चोट आई और वनमानुष ने बार-बार एक पौधे को चबाया और अपने गाल पर हुए घाव पर इसका रस लगाया. शोद्धकर्ताओं ने बताया कि चोट लगने के तीन दिन बाद राकस ने लियाना की पत्तियों को पहले चुनिंदा रूप से चबाया और फिर इसको चेहरे पर अच्छे से लगाया, जो थोड़े दिनों में बिल्कुल ठीक हो गया.

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इलाज के कुछ दिनों बाद हुआ ठीक

यहां हैरानी की बात ये थी कि जब राकस के गालों को कई दिनों बाद देखा गया तो घाव का कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया. इसके अलावा ये भी देखा गया कि घाव पांच दिन के भीतर भर गया और एक महीने के भीतर पूरी तरह ठीक हो गया. इसके अलावा यहां दिलचस्प बात ये है कि राकस उन सभी जड़ी-बूटियों के बारे में अच्छे से जानता है.

-भारत एक्सप्रेस 

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