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Crypto Fraud: दो माह में चार राज्यों तक नेटवर्क और 2,500 करोड़ की ठगी, हिमाचल में रची गई गोरखधंधे की साजिश

Crypto Fraud: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक अपराध के रूप में पहली बार क्रिप्टोकरेंसी से 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी सामने आई है। दो महीने पहले ही इस ऑनलाइन ठगी का खुलासा हुआ।

2,500 करोड़ की ठगी

2,500 करोड़ की ठगी

Crypto Fraud: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक अपराध के रूप में पहली बार क्रिप्टोकरेंसी से 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी सामने आई है। दो महीने पहले ही इस ऑनलाइन ठगी का खुलासा हुआ। जांच आगे बढ़ी तो इसका नेटवर्क चार राज्यों में फैले होने का पता चला।

हिमाचल के ही चार लोगों ने इस ऑनलाइन ठगी का जाल बुना। विदेश में प्रशिक्षण लिया और स्थानीय स्तर पर बनाई क्रिप्टोकरेंसी ‘कोरवियो कॉइन’ या केआरओ कॉइन में लाखों लोगों को 11 माह में पैसा दोगुना होने का झांसा देकर निवेश करवाया। इसके लिए बड़े स्तर पर 40 एजेंट तैयार किए। अब तक ढाई लाख लोगों को चूना लग चुका है।

अब तक तीन मुख्य आरोपियों समेत 19 एजेंट गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आरोपियों ने हड़पी राशि से 80 करोड़ रुपये के प्लॉट-फ्लैट खरीद लिए हैं। पुलिस अब तक 19 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है। इन आरोपियों ने सोना-चांदी खरीदने, महंगी गाड़ियां खरीदने में भी पैसा लगाया है। इसके तार हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली तक जुड़े हुए हैं।

दुबई में सीखी करोड़पति बनने की चालबाजी

एसआईटी ने खुलासा किया है कि सुखदेव, हेमराज, अभिषेक और सुभाष ने झांसा देकर करोड़पति बनने का प्रशिक्षण दुबई में लिया। मंडी में अपने स्तर पर सॉफ्टवेयर तैयार किया। तीन से चार प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया गया और सिक्कों की बढ़ी हुई कीमतें दिखाने के लिए नकली वेबसाइटें बनाईं गईं।

2018 में शुरू हुआ खेल, 2023 में पहली एफआईआर

हिमाचल में ठगी का यह खेल वर्ष 2018 में शुरू हुआ। इसका खुलासा तब हुआ, जब जिला कांगड़ा के पालमपुर थाने में 24 सितंबर 2023 को पहली एफआईआर दर्ज हुई। अब तक 300 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं। यह मुद्दा राज्य विधानसभा में भी उठा। सरकार ने एसआईटी बनाई। जांच में जिला मंडी निवासी तीन और ऊना एक व्यक्ति मास्टरमाइंड निकले।

गुजरात पुलिस की मदद से दो आरोपी हेमराज और सुखदेव को दबोचा गया। तीसरा आरोपी अभिषेक दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। मंडी का ही आरोपी सुभाष दुबई भाग गया है। एसआईटी को अभी इसकी तलाश है। आरोपियों के झांसे में आईएएस, आईपीएस, एचएएस, ठेकेदार, पूर्व सैनिक, कर्मचारी और कम पढ़े-लिखे किसान तक आ चुके हैं। एक पूर्व सैनिक ने अपने जीवन की पूरी कमाई करीब डेढ़ करोड़ रुपये इसमें लगा दिए हैं।

आरोपी निवशकों को कराए 2,000 टूअर

11 माह में पैसा दोगुना होने के झांसे में आकर लोग इस अपराध के शिकार होते गए। शातिर फर्जी वेबसाइट के जरिये क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर ठगी का खेल चलाते रहे। मल्टी लेवल मार्केट के जरिये लोगों को जोड़ा गया। आरोपी निवेशकों को दुबई, हांगकांग, बैंकॉक के 2,000 टूअर कराए हैं। 70 से 80 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने नए लोगों की ओर से किए गए निवेश से 2-2 करोड़ रुपये से अधिक पैसा कमाया।

-भारत एक्सप्रेस

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