रजनीश कपूर, वरिष्ठ पत्रकार
भारत एक्सप्रेस
विकास की योजनाओं का हो ‘सोशल ऑडिट’
‘सोशल ऑडिट’ करना लोकतंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद है. जो भी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री ईमानदार होगा, पारदर्शिता में जिसका विश्वास होगा और जो वास्तव में अपने लोगों की भलाई और तरक्की देखना चाहेगा, वो सरकारी तंत्र के दायरे के बाहर इसे अपनी प्राथमिकता में रखेगा.
‘जय फिलिस्तीन’ का नारा क्यों?
धर्म निरपेक्ष का मतलब नास्तिक होना नहीं है। बल्कि इसका भाव है, सर्व धर्म समभाव, यानी हर धर्म के प्रति सम्मान का भाव।
भारतीय रेल: मंत्री जी कृपया ध्यान दें!
एक ओर जहां किसी नई और आधुनिक रेल के उद्घाटन के समय जिस कदर मंत्री और अफ़सर श्रेय लेने के लिए आगे आते हैं, वह रेल में हो रही लापरवाहियों का ज़िम्मा लेने से बचते नज़र आते हैं.
उत्तर प्रदेश: भाजपा क्यों हारी-सपा क्यों जीती? जानिए लोकसभा चुनाव में कैसे बदला यूपी की सियासत का रंग
ऐसा माना जाता है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है। इस बार के चुनावों में उत्तर प्रदेश का जो परिणाम रहा उसने सत्तारूढ़ दल को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसी कौनसी कमी उनकी नीति मे थी जो वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने में विफल रही?
न तुम जीते न वो हारे!
कुछ भी हो 2024 का चुनाव भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में जगह बना चुका है। एक ओर जहां एनडीए का ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा विफल हुआ, वहीं विपक्षी एकता का ‘इंडिया’ गठबंधन भी कई बार बिगड़ते-बिगड़ते मज़बूती से उभर कर आया।
चुनावों में पारदर्शिता पर जोर
देश का आम चुनाव हमेशा से ही एक पर्व की तरह मनाया जाता है। इसमें हर राजनैतिक दल अपने-अपने वोटरों के पास अगले पांच साल के लिए उनके मत की अपेक्षा में उन्हें बड़े-बड़े वादे देकर लुभाने की कोशिश करते हैं।
वायरल वीडियो: केवल एक पक्ष न देखें
Viral Video Analysis: आज हर व्लॉगर को सरदार हरमीत सिंह पिंका से सबक़ लेना चाहिए। आपको याद होगा कि किस तरह दक्षिण दिल्ली के एक ढाबा चलाने वाले ‘बाबा’ का वीडियो वायरल कर कुछ व्लॉगर्स ने पैसे इकट्ठा करने शुरू कर दिये थे।
गिग वर्कर्स: अपने बॉस स्वयं बनें
दुनिया भर में ऐसे कई प्लेटफार्म हैं जो ‘गिग वर्कर’ को ऐसी कई कंपनियों या व्यक्तियों से जोड़ते हैं जो मासिक तनख़्वाह पाने वाले कर्मचारी नहीं रखना चाहते।
सेवा भाव से चलता एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल, दिखता है सेवा भाव
अस्पताल के संचालन में लगे हुए सभी वरिष्ठ अधिकारी यहां सेवा भाव से कार्य करते हैं। ये सभी व्यक्ति विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए अनुभवी लोग हैं जो ‘अम्मा’ के प्रति समर्पित हैं।
चुनाव आयोग की नज़र में सब बराबर हों !
जब भी कभी कोई प्रतियोगिता आयोजित की जाती है तो उसका संचालन करने वाले शक के घेरे में न आएँ इसलिए उस प्रतियोगिता के हर कृत्य को सार्वजनिक रूप से किया जाता है।