2014 से 2024 तक पीएम मोदी ने अपने भाषणों से ऐसे सेट किया भारत के विकास का एजेंडा, साल दर साल हुआ बदलाव
PM Modi speeches on Independence Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार 11वीं बार ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया. उन्होंने आज स्वतंत्रता दिवस पर अब तक का अपना सबसे लंबा भाषण भी दिया.
Great Personalities: आज ही के दिन हिंदुस्तान की सरजमीं पर जन्मीं थीं ये शख्सियत, समाज पर इनका बड़ा प्रभाव पड़ा
Indian personalities who born on 15 August: 15 अगस्त के ऐतिहासिक दिन पर भारतीय दार्शनिक अरबिंदो घोष, शास्त्रीय संगीतकार अमीर ख़ां, प्रसिद्ध साहित्यकार हंस कुमार, कवि रामदरश मिश्र समेत कई हस्तियां जन्मीं थीं. जिनका हमारे समाज पर खासा प्रभाव पड़ा.
Independence Day 2024: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के हेडक्वार्टर में चेयरमैन उपेंद्र राय ने फहराया तिरंगा, आजादी के नायकों को किया नमन
भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के नोएडा स्थित मुख्यालय में चेयरमैन, एमडी व एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की.
Independence Day: “पंचायत से लेकर केंद्र सरकार तक, लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए करें काम”, लाल किले से PM मोदी का आग्रह
पीएम मोदी ने आगे कहा, जब नीति सही होती है, नीयत सही होती है और पूर्ण समर्पण के साथ राष्ट्र कल्याण का मंत्र होता है, तो निश्चित परिणाम हम प्राप्त करके रहते हैं.
Jawaharlal Nehru’s Tryst With Destiny Speech: ‘हमें स्वतंत्र भारत का महान भवन बनाना है, जहां उसके सभी बच्चे रह सकें’
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14-15 अगस्त 1947 की दरमियानी रात को एक ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसे Tryst With Destiny के नाम से जाना जाता है.
जानें क्या कोई भी लगा सकता है गाड़ी पर तिरंगा? इन नियमों के उल्लंघन पर मिलती है ये सजा
देश की जनता को घर पर तिरंगा लगाने और हाथ में झंडा लेकर चलने की आजादी तो है.
भारत और पाकिस्तान को एक साथ मिली आजादी, लेकिन इन वजहों से PAK 14 अगस्त को मनाने लगा स्वतंत्रता दिवस
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के अनुसार, ‘15 अगस्त, 1947 से भारत में दो स्वतंत्र राष्ट्र स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें क्रमशः भारत और पाकिस्तान के नाम से जाना जाएगा.’
जानें कौन हैं वो प्रधानमंत्री जिन्होंने सबसे अधिक बार लाल किले पर फहराया झंडा? पीएम मोदी इस बार रचेंगे इतिहास
इस बार गरीब वर्ग के साथ ही महिला, किसान, युवा सहित 4 हजार से अधिक लोगों को विशेष रूप से आमंत्रण भेजा गया है.
बंटवारे के वक्त टॉस जीतकर भारत ने अपने नाम कर ली थी ये शानदार चीज…जानें पाकिस्तान को मिले थे कितने करोड़?
मातृ भूमि के लिए मर मिटने के जज्बे ने अंग्रेजों के पांव उखाड़ दिए थे और उन्हें भारत देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था.
कौन थीं भीकाजी कामा, जिन्होंने आजादी से बहुत पहले 1907 में विदेशी धरती पर लहराया था भारतीय ध्वज
‘भारतीय क्रांति की जननी’ के रूप में ख्याति अर्जित करने वाली भीकाजी कामा ने ब्रिटेन के अलावा अमेरिका और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान भारत की स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाया था.