(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
Corporate India: कॉर्पोरेट इंडिया को नए साल में उपभोक्ता खर्च और मांग में सुधार की उम्मीद है. शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों का मानना है कि 2025 में कंपनियों की आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे निवेश और नियुक्तियों में भी वृद्धि हो सकती है.
बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा दिसंबर में किए गए एक सर्वे में 50 प्रमुख सीईओ ने भाग लिया, जिसमें 80 प्रतिशत ने कहा कि सरकार को आम आदमी के लिए कर प्रोत्साहन बढ़ाने चाहिए ताकि खपत को बढ़ावा मिल सके.
इस सर्वे के अनुसार, कई उद्योग जगत के दिग्गज मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया को गति देने के लिए व्यक्तिगत आयकर दरों में कटौती और बचत को प्रोत्साहित करने वाले उपाय महत्वपूर्ण होंगे. कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि बढ़ती मांग और सरकार द्वारा नीति-निर्माण में सहयोग से विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से विकास होगा.
2024 में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां, लेकिन ग्रामीण मांग में सुधार
2024 में उच्च ब्याज दरों, बढ़ती कीमतों और खाद्य मुद्रास्फीति के कारण उपभोक्ता खर्च पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में. हालांकि, ग्रामीण मांग में वर्ष के अंत में सुधार के संकेत मिले हैं. सर्वेक्षण में 68 प्रतिशत सीईओ ने इस बात की पुष्टि की कि ग्रामीण इलाकों में स्थितियों में सुधार हुआ है.
नए साल में कॉरपोरेट इंडिया उपभोक्ता खर्च और मांग में वृद्धि की उम्मीद कर रहा है. जो पोल के नतीजे आए उससे ऐसा लगता है कि प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारी बढ़ते कंपनी मुनाफे के साथ निवेश और भर्ती गतिविधियों को तेज करने की तैयारी कर रहे हैं.
इसके अतिरिक्त, रोजगार सृजन और निवेश गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कंपनियां अपनी रणनीतियों को पुनर्गठित कर रही हैं. कुल मिलाकर, नए साल के लिए कॉरपोरेट क्षेत्र में आशावादी दृष्टिकोण देखा जा रहा है, जिसमें सरकार की भूमिका को आर्थिक सुधार में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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- भारत एक्सप्रेस
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