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विज्ञापन बाजार के 9.4% CAGR से बढ़ने का अनुमान है, जो 2028 तक 1,58,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा, जो वैश्विक औसत से 1.4 गुना अधिक है. डिजिटल विज्ञापन सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है, जो 2028 तक 15.6% CAGR से बढ़कर 85,000 करोड़ रुपये हो जाएगा.

भारत में निजी इक्विटी निवेश के लिए वैश्विक निवेशकों की रुचि बढ़ रही है, खासकर सेकेंडरी निवेश और डिजिटलाइजेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में. रिपोर्ट के अनुसार, 68% निवेशक भारत को एक बेहतर जोखिम-इनाम संतुलन वाला बाजार मानते हैं और आने वाले वर्षों में निवेश बढ़ाने की योजना बना रहे हैं.

IIGF 2024 में ज़ूपी के सीईओ दिलशेर मल्ही ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स शिक्षा, स्वास्थ्य, और ई-कॉमर्स में क्रांति लाकर देश को आर्थिक उछाल के लिए तैयार कर रहे हैं. उन्होंने गेमिंग तकनीक और डिजिटल सार्वजनिक ढांचे की भूमिका को भी प्रमुख बताया.

प्रगति मैदान में शुरू हुए तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हार्डवेयर मेले में 35 देशों के 10,000 व्यापार प्रतिनिधि और 250 प्रदर्शक भाग ले रहे हैं. भारतीय हार्डवेयर बाजार में निर्यात और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की बढ़ती मांग के साथ, यह मेला भारतीय एमएसएमई को अपनी गुणवत्ता प्रदर्शित करने का अवसर देगा.

जैसे-जैसे भारतीय व्यवसाय लंदन में बढ़ रहे हैं, बड़े खिलाड़ी जैसे विप्रो, टाटा, टीसीएस, और एचसीएल अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. कई कंपनियों ने एआई केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्लोबल इनोवेशन सेंटर भी स्थापित किए हैं.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), डेटा एनालिटिक्स और क्लाउड टेक्नोलॉजी जैसे विशेष तकनीकी क्षेत्रों में मांग 30-35 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है. उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर बढ़ती निर्भरता के कारण यह वृद्धि संभव होगी. 

IMF के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यन ने कहा कि बोर्ड में बैठने के बाद से मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि दुनिया भारत को लेकर आशावादी है. भारत ने जिस तरह का सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा लागू किया है, उसका मेरे बोर्ड के लगभग हर सहयोगी ईमानदारी से सराहना करते हैं.

फार्मारैक के आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार महीनों में वॉल्यूम ग्रोथ कमजोर रही थी. लेकिन नवंबर ने सकारात्मक संकेत दिए हैं. प्रमुख थेरेपी क्षेत्रों में मांग बढ़ी है, खासकर एक्यूट और क्रॉनिक सेगमेंट में.

अंतर्राष्ट्रीय कॉपर एसोसिएशन इंडिया के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के कारण भारत में कॉपर की मांग में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

FADA ने कहा कि दिसंबर 2024 के लिए बाजार का रुख स्थिर रहने की उम्मीद है. दोपहिया वाहनों की श्रेणी में साल के अंत में मिलने वाले डिस्काउंट और ग्रामीण क्षेत्रों से स्थिर मांग की संभावना है.