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पिछले साल की तुलना में 2024 में निवेशकों ने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स पर अधिक ध्यान दिया. शुरुआती चरण के विकास कार्यों पर ज्यादा निवेश हुआ.

भारत का बायोटेक क्षेत्र अब वैश्विक मानकों पर खड़ा है, जो भारतीय उद्योग के लिए एक अहम उपलब्धि है. देश का लक्ष्य 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करना है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COP-26 में घोषित किया था.

इस साल रियल एस्टेट, यूटिलिटीज, ऑटोमोबाइल्स, मेटल्स और PSU बैंकों जैसे क्षेत्रों ने दबदबा बनाया, जो अब तक के कुल QIP इश्यूज का 57 प्रतिशत हिस्सा बने हैं.

India's Product-Linked Incentive (PLI) schemes: भारत सरकार की प्रोडक्ट-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना का उद्देश्य 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को साकार करना है. यह योजना नवंबर 2020 में शुरू की गई थी.

सरकार ने कहा कि MSP में वृद्धि से नारियल उत्पादकों को बेहतर लाभ मिलेगा. यह किसानों को सूखे नारियल उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा.

National Single Window System तथा अन्य योजनाओं के तहत सरकार ने कई कदम उठाए हैं, वे भारतीय व्यापार और उद्योग के विकास के लिए सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं. FDI और PLI योजनाओं से भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं.

स्टील इंपोर्ट पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाने को लेकर DGTR(DGTR-Directorate General of Trade and Remedies) ने जांच शुरू करने का नोटिफिकेशन जारी किया.

ट्राई के नेतृत्व में इन संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप सभी प्रमुख पीई ने अब एक्सेस प्रदाताओं के साथ अपनी एसएमएस ट्रांसमिशन पाथ को पंजीकृत कर लिया है.

2024 में भारत में कई कंपनियों ने आईपीओ लॉन्च किए, जिनमें स्टार्टअप्स भी शामिल थे. इन आईपीओ ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है, जैसे कि गो डिजिट, ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस, इक्सिगो, जिंका लॉजिस्टिक्स, और फर्स्टक्राई के शेयरों ने निवेशकों को 21% से लेकर 90% तक का रिटर्न दिया.

NIPL, जो कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, भारतीय पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण देशों जैसे कतर, थाईलैंड और दक्षिण-पूर्वी एशिया के अन्य देशों में UPI को लाइव करने की योजना बना रहा है.