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चुनाव

सियासी रणनीतिकार प्रशांत​ किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर कहा कि वे पिछले 10 साल से पार्टी को जिताने का असफल प्रयास कर रहे हैं. इसके बावजूद वे न तो पार्टी से अलग हुए और न ही उन्होंने किसी को पार्टी का चेहरा बनने दिया है.

उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले में आने वाला लालगंज लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया. समाजवादी पार्टी के गठन से 30 साल पहले इस सीट पर हुए पहले चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज की थी.

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने एक बैठक के दौरान मीडिया विभागों के कार्यों की विवेचना कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए. इस क्रम में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा-पत्र को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने के लिए झारखंड की स्थानीय भाषाओं में अनुवाद किया जाना चाहिए.

एक समय था जब भारत में निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा था. 1957 के दूसरे आम चुनाव में 42 उम्मीदवार लोकसभा पहुंचे थे. वहीं 1991 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक निर्दलीय ही लोकसभा पहुंचा था.

पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने रविवार को कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि गुपकार अलायंस में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उनसे सलाह किए बिना अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए. इससे पीडीपी के कार्यकर्ता काफी नाराज हैं. ऐसे में अब हम नेशनल काॅन्फ्रेंस को अपनी ताकत दिखाएंगे.

PM मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में देश हित में जो कार्य किए हैं, उसकी वजह से आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है. सीएम योगी ने चुनावी रैली में इस तरह भाजपा सरकार की तारीफों के पुल बांधे —

पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण के मतदान से पहले चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए बंगाल के जलपाईगुड़ी पहुंचे. यहां उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए टीएमसी सरकार पर जमकर निशाना साधा.

झारखंड के गढ़वा जिले मंं स्थित के बूढ़ा पहाड़ बूढ़ा पहाड़ अभी तक नक्सलियों के चंगुल में था. साल भर पहले ही सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र को नक्सलियों के चंगुल से आजाद कराया है. यहां 13 मई को वोट पड़ेंगे.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि "मोदी देश से गरीबी खत्म करने के मिशन में जुटा है. मैं भी आप ही की तरह गरीबी को जीकर यहां आया हूं. गरीब का बेटा मोदी, गरीब का सेवक है.

सीएम योगी ने किसानों के बारे में कहा कि पहले 10-10 साल गन्ना किसानों को भुगतान नहीं होता था, ऐसे में वे साहूकारों से सूद पर पैसा लेने के लिए मजबूर रहते थे.