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ओल्ड राजेंद्र नगर में डूबने से 3 स्टूडेंट्स की मौत मामला: सुप्रीम कोर्ट 3 सप्ताह बाद करेगा सुनवाई

ओल्ड राजेन्द्र नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन स्टूडेंट्स की बेसमेंट में डूबने से मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट तीन सप्ताह बाद सुनवाई करेगा. कोर्ट ने कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के लिए मॉडल नियमों की जरूरत पर जोर दिया है.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)

ओल्ड राजेन्द्र नगर में यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन स्टूडेंट्स की बेसमेंट में डूबने से हुई मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट 3 सप्ताह बाद सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी सिद्धार्थ दवे ने कहा कि बुनियादी ढांचे, कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा पर मॉडल नियमों का मसौदा सर्कुलेट किया है, लेकिन अभी तक कोई सुझाव नहीं मिला है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यूनिफॉर्म स्टैंडर्ड रखने की जरूरत है.

कोचिंग संस्थानों को डील करने के लिए कानून

एमिकस क्यूरी सिद्धार्थ दवे ने कोर्ट को बताया था कि फायर सेफ्टी, फी रेग्युलेशन, स्टूडेंट्स और क्लास रूम के एरिया का रेश्यो, स्टूडेंट्स-टीचर रेश्यो, सीसीटीवी, मेडिकल फैसिलिटी, मेंटल हेल्थ केयर और काउंसलिंग जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने सुझाव दिया था कि सभी राज्यों को इस मामले में प्रतिवादी बनाए जाने की जरूरत है. सात राज्यों में कोचिंग संस्थानों को डील करने के लिए कानून है.

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कोचिंग सेंटर बच्चों की जिंदगी से खेल रहे

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि कोचिंग सेंटर बच्चों की जिंदगी से खेल रहे है. कोचिंग सेंटर तो डेथ चैंबर बन गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर पूछा था कि कोचिंग सेंटर में क्या सेफ्टी के नियम लागू किए गए है. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि हमारा ये सोचना है कि अगर कोचिंग सेंटर सेफ्टी नॉर्म को पूरा नहीं करते तो इनको ऑनलाइन मोड़ में कर दिया जाना चाहिए, लेकिन फिलहाल हम ये नही कर रहे है. कोर्ट ने कहा कि मानदंडों में उचित वेंटिलेशन, सुरक्षा मार्च, हवा और रोशनी शामिल होना चाहिए.

-भारत एक्सप्रेस



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