सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
छतीसगढ़ शराब नीति घोटाला मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा की ओर से दायर याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा कर दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान अनिल टुटेजा की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से दाखिल याचिका में वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसके बाद कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद टुटेजा ने अपनी याचिका को वापस ले लिया. टुटेजा ने ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. साथ ही उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को रद्द करने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को लगाई थी फटकार
छतीसगढ़ हाईकोर्ट ने टुटेजा की इस मांग को खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. यह आदेश जस्टिस अभय ओका और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने दिया है. इससे पहले कोर्ट ने ईडी द्वारा टुटेजा को बुलाने और गिरफ्तार करने की जल्दबाजी और गिरफ्तारी के तरीके पर चिंता जताई थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से टुटेजा को समन भेजने में अपनाई गई प्रक्रिया को स्पष्ट करने को कहा था. ईडी को फटकार लगाते हुए कहा था कि ईडी की लंबी जांच पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर वे चार साल में जांच पूरी नहीं कर सकते तो मैं क्या कर सकता हूं?
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ईडी और ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया केस
टूटेजा के वकील ने दावा किया था कि चार साल पहले हाईकोर्ट के अग्रिम जमानत दिए जाने के बाद से ईडी ने जांच में कोई खास प्रोग्रेस नही किया है. जिसके बाद कोर्ट ने ईडी को टूटेजा के खिलाफ सबूतों के ब्यौरा देते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. बता दें कि शराब घोटाले में अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा की किसी भी तरह भूमिका को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है. दोनों के खिलाफ कोरोसिव एक्शन का आदेश भी था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट केस खारिज करने के बाद ईडी ने फिर से शराब घोटाले में एफआईआर दर्ज कर ली है. उधर, ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर ईओडब्ल्यू ने भी केस दर्ज किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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