भगवान श्रीराम. उनकी भूमि अयोध्या.
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी, लेकिन इससे पहले ही जहां एक ओर इसको लेकर सियासत तेज हो गई है तो दूसरी ओर राम भक्त राम मंदिर उदघाटन की खुशी में तमाम तैयारियों में जुटे हैं. इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए हर कोई आतुर दिखाई दे रहा है. न केवल अयोध्या बल्कि पूरा यूपी राममय नजर आ रहा है. तो वहीं राम भक्तों में इतना उत्साह है कि वह अनोखी सामग्रियों का भेंट लेकर कहीं छत्तीसगढ़ तो कहीं गुजरात से चले आ रहे हैं. इसी बीच राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की विधि-विधान का खुलासा किया है.
एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि “श्रीरामोपासना” पुस्तिका के जरिए रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पूजा की जाएगी. इसी के साथ ही उन्होंने पूरी पूजा-पद्धति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, हमारे पास ट्रस्ट द्वारा जारी की गई “श्रीरामोपासना” की पुस्तिका आ गई है, जिसमें 22 जनवरी को की जाने वाली प्राण प्रतिष्ठा की संपूर्ण पूजा पद्धति है. उन्होंने कहा कि, इसी पुस्तिका के जरिए रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ मुहूर्त को लेकर बताया कि, 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड के बीच का होगा, जब पूजन स्थल पर अक्षत छोड़ा जाएगा. तो वहीं ज्योतिषाचार्य द्राविण बंधु, पंडित विश्वेश्वर शास्त्री द्राविण और पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविण ने जानकारी दी कि, मुहूर्त निकालने के लिए नियमों पर विचार किया गया है. तिथि, वार, लग्न और नक्षत्रों पर विचार करके ही मुहूर्त निकाला गया है. मुख्य पुजारी ने जानकारी दी कि, विक्रम संवत 2080 शालिवाहन शक 1945 पौष शुक्ल 12 सोमवार, मृगशीर्ष नक्षत्र, ऐन्द्र योग, बालव करण, आनन्द योग दिनांक 22 जनवरी 2024 को मेष लग्न में वृश्चिक नवांश में राम मूर्ति स्थापना का अतिसूक्ष्म मुहूर्त है. इसी दौरान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पूजा पूरी कर ली जाएगी.
उन्होंने मुहूर्त को लेकर आगे बताया कि, इस लग्न में शुक्र और गुरु दोनों ही अनुकूल है. इसलिए विरोधी भी कुछ नहीं कर सकते हैं. मंगलाष्टक के श्लोक के बाद 84 सेकंड में अक्षत डाल दिया जाएगा और भगवान से प्रार्थना होगी कि हे परमेश्वर आप प्रतिष्ठित हों. उन्होंने खास जानकारी देते हुए कहा कि, राम मंदिर के शिलान्यास से ज्यादा श्रेष्ठ मुहूर्त रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का है. इसी के साथ ही मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में कांग्रेस के न शामिल होने को लेकर पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि, राम का विरोध करने वाले न ही आएं तो अच्छा है.
राजनीति करनी होती तो नहीं देते निमंत्रण
बता दें कि राम मंदिर उद्घाटन से पहले सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने कार्यक्रम में शामिल होने से साफ मना कर दिया है. इसको लेकर विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार ने कांग्रेस के निमंत्रण ठुकराने को लेकर कहा कि, हमने सिर्फ बीजेपी अध्यक्ष को ही नहीं बल्कि सभी पार्टियों के अध्यक्षों को निमंत्रण दिया है. अगर हमें राजनीति करनी होती तो निमंत्रण नहीं दिया जाता. इसी के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी निमंत्रण ठुकरा दिया है, इस पर उन्होंने कहा कि, मुझे उनका तर्क समझ नहीं आया, ये मेरा निजी कार्यक्रम नहीं है बल्कि ये ट्रस्ट का कार्यक्रम है अगर वो आएं और समारोह में हिस्सा लें तो मुझे ख़ुशी होगी. इसी के साथ ही उन्होंने आगे कहा कि, जब यह आंदोलन शुरू हुआ तो किसी के मन में राजनीति नहीं थी. आलोक कुमार ने कहा कि, 1984 में हिंदुओं ने राजनीति को नहीं बल्कि अपनी आस्था को ध्यान में रखते हुए इस अभियान को शुरू किया था. तो वहीं उन्होंने राम मंदिर कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर कहा कि, तैयारियां आखिरी चरण में हैं, राम मंदिर की ओर जाने वाले पूरे रास्ते को सजा दिया गया है और लोग बेहद उत्साहित दिखाई दे रहे हैं. इसी के साथ ही आलोक कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल होंगे.
-भारत एक्सप्रेस