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“श्री राम ही भारत की पहचान हैं, वे हमारे आराध्य हैं..प्राण हैं…”, कांग्रेस नेतृत्व द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा का न्यौता ठुकराने पर गरजे शिवराज

Ayodhya: राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से साधु-संतों और फिल्मों सितारों समेत राजनेताओं को ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ समारोह के लिए निमंत्रण भेजा गया. जिसे सत्ताधारी दल (भाजपा) ने सहर्ष स्वीकार किया, लेकिन मुख्य विपक्षी दल (कांग्रेस) के नेताओं ने अस्वीकार कर दिया है.

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शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

Ayodhya News: पूरा देश अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के समारोह की बाट जोह रहा है. देश-दुनिया के रामभक्तों की निगाहें अयोध्या स्थित राम मंदिर पर जमी हुई हैं. हालांकि, इसके साथ-साथ सियासत के गलियारों में तकरार मची हुई है. कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं ने मंदिर ट्रस्ट की ओर से भेजे गए निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. जिस पर सत्ताधारी पार्टी भाजपा के नेता कांग्रेसी नेताओं को खरी-खोटी सुना रहे हैं.

अभी भाजपा के वरिष्ठ नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान आया है. शिवराज सिंह चौहान ने तेलंगाना के हैदराबाद में कांग्रेस द्वारा राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर नाराजगी जताई. शिवराज ने कहा, “भगवान श्री राम हमारे आराध्य हैं, वे हमारे प्राण हैं…और वही भारत की पहचान हैं…राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करना भारत की पहचान को अस्वीकार करना है, भारतीय संस्कृति को अस्वीकार करना है और इसीलिए तो कांग्रेस कहीं की नहीं रही.”

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‘कांग्रेसी पहले कहते थे कि हमें निमंत्रण मिलेगा तो जाएंगे’

शिवराज सिंह चौहान के अलावा भाजपा के नेता सी.टी. रवि ने भी कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. कर्नाटक के बेंगलुरु में सी.टी. रवि ने कांग्रेस द्वारा राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कहा, “ये कांग्रेसी पहले कहते थे कि हमें निमंत्रण मिलेगा तो जाएंगे. लेकिन निमंत्रण पत्र मिलने के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है.” सी.टी. रवि बोले कि इनके लिए मुस्लिम लीग के साथ समझौता कर राजनीति करना धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है, लेकिन राम मंदिर के उद्घाटन में जाना धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है. कांग्रेस इसीलिए भारतीय जनमानस के मन से जा चुकी है.”

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‘वे आएंगे तो लोग पूछेंगे कि आप किसको देखने गए थे’

कांग्रेस द्वारा राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “जिस प्रभु के कार्यक्रम में आना है, उनको उन्होंने (कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित अन्य दलों ने) पहले नकारा है कि वहां भगवान का कोई अस्तित्व नहीं है और अगर ऐसी स्थिति में वे आएंगे तो लोग पूछेंगे कि जिसका अस्तित्व नहीं है तो आप किसको देखने गए थे? इसीलिए उनको और शर्मिंदा होना पड़ेगा… शर्मिंदा ना होना पड़े इसीलिए आरोप लगा दिया कि राजनीति के कारण, सत्ता के लिए यह अनुष्ठान कर रहे हैं.”

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