आखिर कोई इंसान बिना खाए-पिए कितने दिन तक रह सकता है जिंदा? यहां जानें
By Uma Sharma
Bharat Express Badhta Bihar Conclave: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की ओर से पटना में ‘बढ़ता बिहार’ कॉनक्लेव का आयोजन किया गया. इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एमएलसी नवल किशोर यादव, कांग्रेस के MLC समीर सिंह, एमएलसी सच्चिदानंद राय और जेडीयू के नेता संजीव कुमार ने भी हिस्सा लिया. इन दोनों एमएलसी की पहचान शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले नेताओं के रूप में भी रही है.
सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू के नेता ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार बिहार में तब से हुआ जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने बेहतर काम किए. तब छात्र-छात्राओं ने बेहतर परीक्षा परिणाम हासिल कर अपनी लंबी उड़ान भरी. सभी पंचायतों में प्लस टू स्कूलों की स्थापना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, मुख्यमंत्री साइकिल योजना एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना जैसी पहल ने छात्राओं को घर की दहलीज से बाहर निकालकर शिक्षा की ज्योति जलाने के लिए प्रेरित किया. लड़कियां घर से साइकिल चलाकर स्कूल पहुंची तो सारी दकियानूसी टूट गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मात्र 70 दिनों में 220000 शिक्षकों की नियुक्ति के कीर्तिमान से राज्य में स्कूली शिक्षा की तस्वीर बदली. साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ी, समय पर परीक्षाएं होने लगीं और समय पर परीक्षा फल के प्रकाशन से छात्रों का भविष्य भी उज्जवल हुआ.
शिक्षा व्यवस्था में सुधार के स्तर से हम असंतुष्ट- सच्चिदानंद राय
बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के सवाल पर एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि मैं बिल्कुल ही नहीं मानता कि ये संतोष जनक है, नेल्सन मंडेला ने कहा था कि अगर गरीबी से निजात पानी है तो एक ही अस्त्र है वह है- शिक्षा, जो गरीबी से दूर लेकर जा सकती है. इसे मैंने अपने जीवन में महसूस किया है क्योंकि मैं भी एक निर्धन परिवार में जन्मा. आज मैं दूसरे स्थान पर हूं, और इसीलिए कम से कम गरीबी से बाहर निकल सका, बाकी क्या कर सका वो बहुत महत्व का विषय नहीं है.
‘जो लोग संपन्न हैं उनके बच्चे तो प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं’
एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि बिहार में जो लोग संपन्न हैं उनके बच्चे तो प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं और वो भी प्लस टू के बाद, क्योंकि यहां के कॉलेज की स्थिति बहुत खराब है. महाविद्यालयों की स्थिति बहुत खराब है, उन्हें प्लान करना पड़ता है दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है और फिर वहीं बस जाते हैं, लेकिन गरीब के बच्चे…मैं देखता हूं कि विद्यालयों में खिचड़ी बढ़ रही है और महाविद्यालय में डिग्री बढ रही है, इसलिए मैं इस चीज से बिल्कुल ही संतुष्ट नहीं हूं कि बिहार शिक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ है.
‘1990 के बाद बिहार को गरीबी और पिछड़ेपन पर घमंड हुआ’
एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा- ‘हम देख रहे हैं बिहार को, कि हमें गरीबी और पिछड़ेपन का घमंड हो गया…यह हमारा प्राइड है. हम अपने आप को गरीब और पिछड़ा करके इतना गौरवान्वित महसूस करते हैं कि उससे बाहर निकलना नहीं चाहते, जब हम बाहर नहीं निकलना चाहते हैं तो कोई कैसे निकाल देगा हमको यह सबसे? मैं एक पंक्ति बताऊंगा, एक पंक्ति यही है जब तक हम अपने आप को रोना बंद नहीं करेंगे..कि गरीब पिछड़ा क्यों है और क्यों वो नहीं पढ़ पाता. सच्चिदानंद राय ने कहा कि 1990 के बाद बिहार को गरीबी और पिछड़ेपन पर घमंड हुआ. इसे बंद करना होगा.’
फोटो— भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के डायरेक्टर और ग्रुप मैनेजिंग एडिटर राधेश्याम राय ने एमएलसी सच्चिदानंद राय को सम्मानित किया.
फोटो— भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की ओर से पटना में आयोजित किए गए ‘बढ़ता बिहार’ कॉनक्लेव में BJP एमएलसी नवल किशोर यादव को सम्मानित किया गया.
फोटो— कांग्रेस MLC समीर सिंह ‘बढ़ता बिहार’ कॉनक्लेव के आयोजन में पहुंचे. उन्हें भी सम्मानित किया गया.
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