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दिल्ली: DPS ईस्ट ऑफ कैलाश में 5वीं कक्षा का वार्षिकोत्सव, बच्चों ने नाटक और नृत्य से दिया धरती को बचाने का संदेश

Delhi: कार्यक्रम में एक रैप गीत के जरिए झांकी भी दिखाई गई. इसमें मनुष्यों के लालच के चलते वनों की कटाई और प्लास्टिक के अधिक उपयोग से पैदा प्रदूषण को दिखाया गया.

Delhi School

DPS ईस्ट ऑफ कैलाश में 5वीं कक्षा का वार्षिकोत्सव

Delhi: शिक्षा का मतलब सिर्फ अक्षरों या विषय का ज्ञान ही नहीं बल्कि चेतना का विकास भी है. जिसके चलते छात्र अपने राष्ट्र और समाज के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर जिम्मेदारियों को महसूस करते हैं. ऐसी मंशा के साथ दिल्ली स्थित DPS (Delhi Public School) ईस्ट ऑफ कैलाश छात्रों को शिक्षा दे रहा है. विषयों को पढ़ाने के अलावा एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज यहां का एक अहम हिस्सा है. जिससे छात्रों में वैश्विक जिम्मेदारियों का बोध अपना आकार लेता है.

7 फरवरी को DPS ईस्ट ऑफ कैलाश और इसी स्कूल की दूसरी शाखा आर के पुरम ने कक्षा पांचवीं का वार्षिकोत्सव मनाया. इस दौरान छात्रों के जरिए ‘मदर अर्थ’ यानी धरती माता को बचाए रखने और सहेजे रखने का संदेश दिया गया.

ग्लोबल वार्मिंग के खतरे के प्रति किया सचेत

दिल्ली पब्लिक स्कूल ईस्ट ऑफ कैलाश, जूनियर स्कूल ऑफ डीपीएस आरके पुरम (DPS RK PURAM) ने ग्लोबल वार्मिंग पर आधारित वार्षिकोत्सव का आयोजन किया. इसका मुख्य उद्देश्य आज के दौर में ग्लोबल वार्मिंग के खतरे के प्रति लोगों को सचेत और अपने दायित्वों के प्रति संवेदनशील बनाना था. इस प्रोग्राम का नाम ‘धरती कहे पुकार’ दिया गया. इसमें स्कूल के बच्चों ने पृथ्वी को बचाने और उसके पुराने वैभव और सुंदरता को बहाल करने का संदेश दिया.

 

छात्र-छात्राओं ने अपनी भूमिका के जरिए नृत्य किए पेश

इस कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल की प्रिंसिपल उषा दीप्तिविलासा ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया और फिर छात्रों को अपना संबोधन दिया. इसके बाद छात्र एवं छात्राओं ने धरती की सुंदरता, शांति, सदभाव और सह-अस्तित्व वाले भूमिका को नृत्य के जरिए पेश किया. धरती की जैव विविधता को बड़े ही सहज और मनोरम नृत्यों के जरिए दिखाया गया. बच्चों ने एक गुरुकुल दृश्य में योग के साथ-साथ मोहिनीअट्टम नृत्य पेश किया. जिसमें मन, शरीर और आत्मा के समग्र विकास को प्रदर्शित किया गया.

कार्यक्रम में एक रैप गीत के जरिए झांकी दिखाई गई

कार्यक्रम में एक रैप गीत के जरिए झांकी भी दिखाई गई. इसमें मनुष्यों के लालच के चलते वनों की कटाई और प्लास्टिक के अधिक उपयोग से पैदा प्रदूषण को दिखाया गया. नाटक के जरिए तबाह होती पृथ्वी के क्रोध से भी परिचय कराया गया, जिसमें एक अंधकारमय भविष्य की कल्पना की गई.

 

नाटक और नृत्य के जरिए बच्चों को पर्यावरण योद्धा और एक्टिविस्ट के तौर पर चित्रित किया गया, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. शो के आखिर में कक्षा पांच के बच्चों ने स्कूल एंथम और राष्ट्रगान गाया. कार्यक्रम में कक्षा पांचवीं के 210 छात्रों ने बेहद ही संदेनशील मसले पर अपनी परफॉर्मेंस दी और लोगों का जागरूक किया. छात्रों, शिक्षकों और पेरेंट्स के पृथ्वी बचाओं संकल्प के साथ ही कार्यक्रम का समापन किया गया.

 

 

– भारत एक्सप्रेस



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