कोर्ट में पेश होने के लिए जाते सीएम केजरीवाल.
दिल्ली शराब नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर जमानत याचिका पर आज की सुनवाई पूरी हो गई। राउज एवेन्यू कोर्ट 20 जून को भी सुनवाई जारी रखेगा। कोर्ट में जज की ओर से कहा गया— चूंकि मुझे कुछ आदेश पारित करने हैं, इसलिए मैं 20 जून तक के लिए मामला स्थगित कर रही हूँ। वहीं, केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया, जहां कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि को 3 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है।
कोर्ट में पेशी के दौरान कोर्ट ने केजरीवाल से पूछा कि आपको कुछ कहना है तो केजरीवाल ने कहा कि मेरे वकील कोर्ट में मौजूद है जो कहना होगा, वही कहेंगे। वही केजरीवाल की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी ने कोर्ट को बताया कि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुरक्षित रख रखा है। केजरीवाल के वकील ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने 17 मई को कहा था कि वह नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में याचिका दाखिल कर सकते है।
केजरीवाल की ओर से पेश वकील ने कहा कि 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। 22 अगस्त को ईडी ने ECIR दर्ज की। इस मामले में ईडी द्वारा कई चार्जशीट दायर किया है। किसी मे मुझे आरोपी नही बनाया गया था। आज भी मैं सीबीआई केस में आरोपी नही हूं। PMLA केस में 2 नवंबर 2023 मुझे पहली बार समन भेजा गया था। कहा कि मैंने ईडी से पूछा था कि मुझे किस रूप में बुलाया गया है। गवाह या संदिग्ध के रूप में, मुख्यमंत्री या आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में? उसके डेढ़ महीने बाद दूसरा समन भेजा गया। केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से कहा कि मैं स्पेशल स्टेट्स नही मांग रहा हूं। लेकिन यह नही भूलना चाहिए कि ईडी संवैधानिक पदाधिकारी को बुला रही है। कम से कम कुर्सी का सम्मान होना चाहिए।
वकील ने यह भी कहा कि उन्होंने 2024 में ईडी से यह भी कहा था कि सवालों की सूची भेज दे, वह उसका जवाब देंगे। लेकिन ईडी ने ऐसा नही किया। केजरीवाल की ओर से पेश वकील विक्रम चौधरी ने यह भी कहा कि 16 मार्च को चुनाव को घोषणा हुई और उसी दिन एक और समन भेज दिया गया। जिसके बाद 19 मार्च को ईडी के समन को दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी गई। लेकिन दिल्ली हाइकोर्ट ने अंतरिम जमानत से इनकार करते हुए केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने दोपहर में ईडी को नोटिस जारी किया और शाम 5 बजे के बाद ईडी के अधिकारी केजरीवाल के घर पहुचे और गिरफ्तार कर लिए। केजरीवाल के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि ईडी की गिरफ्तारी को दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी गई। हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया। बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख रखा है।
वकील ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया था। बाद में राउज एवेन्यू कोर्ट से अंतरिम जमानत की गुहार लगाई गई। राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। विक्रम चौधरी ने यह भी कहा कि ये पूरा का पूरा केस उन लोगों के बयानों पर आधारित है जो दागदार है। उन्हें ऐसा लगता है कि उन लोगो को गिरफ्तारी के बाद जमानत का वादा किया गया था। वे संत नही है। इन लोगो को लालच दिया गया। इन लोगों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो रहा है। केजरीवाल के वकील ने गिरफ्तारी के टाइमिंग पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के लिए चुनाव का इंतज़ार किया गया। केजरीवाल ने कहा है कि इस मामले की जांच सीबीआई को करनी चाहिए। ईडी को नही। ईडी मेरे कंडक्ट पर भी सवाल उठा रहे है। यदि मेरा आचरण खराब है तो सीबीआई तय करेगी। ईडी नही। ईडी सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग के संबंधित मामले में ही जांच कर सकती है।
केजरीवाल के वकील ने शरद चंद्र रेड्डी के बयानों का जिक्र किया और कहा कि रेड्डी को पीठ दर्द के आधार पर जमानत दे दी गई। रेड्डी ने गिरफ्तारी के बाद 11 बार बयान दिया थे। एक भी बार केजरीवाल का नाम नही लिया था। रेड्डी के अंतरिम जमानत के बाद केजरवाल पर आरोप लगाया गया। केजरीवाल के वकील ने कोर्ट को बताया कि शरद चंद्र रेड्डी ने 50 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। अब वह एनडीए का हिस्सा है। केजरीवाल के वकील ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नही मिला है कि साउथ से पैसा लिया गया हो। वकील ने यह भी कहा कि केजरीवाल पर जो भी आरोप लगाए गए हैं सब गवाहों के बयान के आधार पर आधारित है। वही ईडी ने केजरीवाल की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ईडी ने भले ही केजरीवाल को आरोपी के तौर पर अभी तक नही बुलाया है, लेकिन ईडी द्वारा चार्जशीट दाखिल किया जा चुका है।
ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि जहां तक मनी लॉन्ड्रिंग में अपराध का सवाल है तो इस पर संज्ञान लिया जा चुका है। एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी अपराध का संज्ञान लिया जाता है तो इसका मतलब है कि पहली नजर में अपराध हुआ है। एसवी राजू ने कहा कि मुद्दा केजरीवाल की भूमिका को लेकर है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में आम आदमी पार्टी को भी पार्टी बनाया गया है। ईडी ने केजरीवाल के वकील के आरोपो का जवाब देते हुए कहा कि इस मामले में कई ऐसे आरोपी है जिनकी ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज किया जा चुका है। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि हो सकता है कि केजरीवाल सीबीआई के मामले में आरोपी ना हो लेकिन वह अभी भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी है। ईडी के वकील ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चला है कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।
कोर्ट ने ईडी के वकील से कहा कि वह यह जानना चाहते है कि केजरीवाल को समन करते समय कोर्ट ने किस भाषा का इस्तेमाल किया है। ईडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि इसे ऑर्डर के लिए रखा गया है। कोर्ट ने ईडी के वकील से कहा कि केजरीवाल पर जो आरोप लगे है उसके बारे में हमें बताएं। क्योंकि केजरीवाल का कहना है कि मूल मामलों में उनका नाम नही था और गवाह ने उनके खिलाफ जो बयान दिए है, वे विश्वसनीय नही है। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल कहते है कि वे संवैधानिक पद पर है और वो आदतन आपराधी नही है। ईडी के वकील ने कहा कि कोर्ट को इस बात से संतुष्ट होना कि व्यक्ति अपराध का दोषी नही है। ईडी के वकील ने कहा कि केजरीवाल के वकील कह रहे है कि उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नही रही है, यह अप्रासंगिक है। उन्हें यह दिखाना चाहिए कि वह दोषी नही है। ईडी ने कहा कि जहां तक गवाहों के बयान का सवाल है तो यह जांच ट्रायल के दौरान हो सकता है। जमानत के दौरान इसपर विचार नही किया जा सकता है। गिरफ्तारी के टाइमिंग के सवाल पर एसवी राजू ने कहा कि यह अधिकारी के ऊपर निर्भर करता है कि किसको कब गिरफ्तार करेगा।
एसवी राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी जिम्मेदार हैं। एसवी राजू ने कहा कि वह लिखित दलीलें दाखिल करेंगे। कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब है कि अब तक की गई सारी दलीलें बेकार हो जाएंगी। कोर्ट ने कहा कि आपने बहुत लंबी दलील रखी, अगर आपको 10-15 मिनट और चाहिए तो मैं दे सकता हूं। ASG ने कहा कि उन्हें 30 मिनट और चाहिए। कोर्ट ने कहा कि मैं आदेश सुरक्षित नहीं रखूंगी। सबको पता है कि यह हाई-प्रोफाइल मामला है। मामले की सुनवाई के दौरान एसवी राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते समय शर्ते भी लगाई थी। कहा था कि वह सीएम ऑफिस नही जाएंगे, सचिवालय नही जाएंगे। एसवी राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को न केवल व्यक्तिगत तौर पर बल्कि PMLA की धारा 70 के कारण भी इसमें शामिल किया गया है।अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत मांगी थी। मगुंटा रेड्डी ने बयान दिया है।
एसवी राजू ने ईडी का जवाब पढ़ते हुए आबकारी नीति में हुए कथित घोटाले में अरविंद केजरीवाल की भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि इस बात के सबूत हैं कि याचिकाकर्ता ने पैसे मांगे थे। न केवल ईडी द्वारा दर्ज किए गए बयान बल्कि मजिस्ट्रेट द्वारा भी बयान दर्ज किए गए हैं। आप यह नहीं कह सकते कि वह अपराध के दोषी नहीं हैं। एसवी राजू ने आगे दलील दी कि विजय नायर आप के मीडिया इंचार्ज थे। वह समन्वय कर रहे थे। उन्हें शराब नीति में रुचि रखने वालों, थोक विक्रेताओं के साथ बैठकें करनी थीं। हमारे पास सबूत हैं कि वह अरविंद केजरीवाल के बहुत करीब थे। आम आदमी पार्टी जन प्रतिनिधि अधिनियम के तहत व्यक्तियों का एक संगठन है। अगर अपराध किसी कंपनी द्वारा किया जाता है, तो मामले का प्रभारी प्रत्येक व्यक्ति जिम्मेदार है। अगर आम आदमी पार्टी सैकड़ों करोड़ की रिश्वत लेती है, तो PMLA की धारा 70 के मुताबिक पार्टी का प्रभारी प्रत्येक व्यक्ति जिम्मेदार होगा। धारा 70 के उद्देश्य के लिए आप एक कंपनी है।
एसवी राजू ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी कोई अपराध करती है तो पार्टी का हर जिम्मेदार व्यक्ति दोषी माना जाएगा। एसवी राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया के समय आप को आरोपी नहीं बनाया गया था। अब आप को आरोपी बना दिया गया है।अरविंद केजरीवाल इस आचरण के लिए जिम्मेदार हैं। कृपया दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का संदर्भ लें। एसवी ने कहा कि रिश्वत मांगने की पुष्टि हो चुकी है। पैसा गोवा गया है। यह हवाला डीलरों के पास गया है। हमने बयान दर्ज किए हैं। बड़ी रकम का भुगतान नकद में किया गया, यह भी स्थापित हो चुका है। सम्पूर्ण मार्ग स्थापित कर दिया गया है।
— भारत एक्सप्रेस