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दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश: 2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीड़ितों को क्लेम कमीशन की सिफारिशों के अनुसार मुआवजा जारी करें

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को क्लेम कमीशन की सिफारिशों के आधार पर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के विभिन्न पीड़ितों को मुआवज़ा राशि जारी करने का निर्देश दिया है.

Delhi Highcourt

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को क्लेम कमीशन की सिफारिशों के आधार पर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के विभिन्न पीड़ितों को मुआवज़ा राशि जारी करने का निर्देश दिया है. जस्टिस सचिन दत्ता दंगों के विभिन्न पीड़ितों द्वारा दायर 20 याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रहे थे. जिसमें दिल्ली सरकार की “दंगा पीड़ितों की सहायता के लिए सहायता योजना” के अनुसार मुआवज़ा मांगा गया था. कुछ याचिकाकर्ता बढ़े हुए मुआवज़े की मांग कर रहे हैं.

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि उत्तर-पूर्वी दंगा दिल्ली आयोग ने बैच में से 14 याचिकाओं के संबंध में दावों के संबंध में सिफारिशें की हैं.

यह भी तर्क दिया गया कि यद्यपि उत्तर-पूर्वी दंगा दिल्ली आयोग द्वारा निर्धारित और अनुशंसित राशि याचिकाकर्ताओं के हक की राशि का एक अंश थी, फिर भी जल्द से जल्द अनुशंसित राशि जारी करने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किए जाने चाहिए. चूंकि दिल्ली सरकार के वकील ने अनुरोध का विरोध नहीं किया, इसलिए अदालत ने यह निर्देश दिया. कोर्ट 29 मई को अगली सुनवाई करेगा. उत्तर पूर्व दिल्ली दंगा क्लेम कमीशन की स्थापना फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए की गई थी. इसका उद्घाटन नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, जस्टिस सूर्यकांत ने किया था.

24 फरवरी, 2020 को नागरिकता कानून समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के नियंत्रण से बाहर हो जाने के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुईं. हिंसा के दौरान कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और लगभग 200 लोग घायल हो गए. दंगों को लेकर करीब 750 एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें से एक यूएपीए मामला है, जिसमें हिंसा को अंजाम देने में बड़ी साजिश का आरोप लगाया गया है.

-भारत एक्सप्रेस



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