Bharat Express

दिल्ली दंगा मामला: राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किए गए 23 वर्षीय व्यक्ति की मौत के मामले में तत्कालीन SHO के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश

2020 दिल्ली दंगा के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किए गए 23 वर्षीय व्यक्ति की मौत के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने एसएचओ और पांच पुलिसकर्मियों के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

Court

कोर्ट

2020 दिल्ली दंगा के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किए गए 23 वर्षीय व्यक्ति की मौत के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने एसएचओ और पांच पुलिसकर्मियों के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. कड़कड़डूमा कोर्ट के मजिस्ट्रेट उद्धव कुमार जैन ने ज्योति नगर के तत्कालीन एसएचओ के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 A (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुचाना), 342( गलत तरीके।से बंधक बनाना) और 506 ( आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के आचरण पर भी आपत्ति जताई है. अदालत ने जांच अधिकारी के व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी नेता के खिलाफ आरोपों को छिपाने की कोशिश की. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ज्योति नगर थाने के एसएचओ को निर्देश दिया जाता है कि वे इस मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर रैंक के जांच अधिकारी नियुक्त करें. साथ ही जांच में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका का भी जांच का आदेश दिया है. शिकायतकर्ता मोहम्मद वसीम की शिकायत पर यह आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें: मकोका और जघन्य अपराध के आरोपों का सामना कर रहे कैदियों को फोन और संचार की सुविधाएं नहीं मिलेंगी: दिल्ली HC

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शिकायतकर्ता ने देखा कि दिल्ली पुलिस के घटना स्थल पर मौजूद जवान कपिल मिश्रा का पूरा समर्थन कर रहे हैं. पुलिसकर्मी मुसलमानों पर पत्थरबाजी और गोलियां चला रहे हैं. उस दौरान महिलाएं और बच्चे अपनी जान बचाने के लिए भाग गए, उसके बाद कपिल मिश्रा के नेतृत्व में अधिकांश दंगाई नारे लगाते हुए चांद बाग की ओर चले गए. कोर्ट ने कहा कि इसको देखकर ऐसा लग रहा है कि जांच अधिकारी को पुलिस अधिकारियों की ज्यादा चिंता थी या कथित आरोपी कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच करने में विफल रहे, या उसने उस आरोपी के खिलाफ आरोपों को छिपाने की कोशिश की.

सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में पुलिस कर्मियों द्वारा फैजान को चार अन्य मुस्लिम पुरुषों के साथ कथित तौर पर राष्ट्रगान और वंदे मातरम गाने के लिए मजबूर करते हुए एवं पीटते हुए दिखाया गया है. मृतक की माँ किस्मतुन ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके बेटे के साथ मारपीट की और उसे अवैध रूप से उनके बेटे के. साथ मारपीट की और उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा और उसे अति आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित किया. इसकी वजह से रिहाई के बाद उसी साल 26 फरवरी 2020 को उसकी मौत हो गई.



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read